जीवन रूपी चाय-डॉ. माध्वी बोरसे!
November 23, 2021 ・0 comments ・Topic: poem
जीवन रूपी चाय!
बचपन हमारा, सफेद दूध जैसा,
जिंदगी ने लगाया, उबाल यह कैसा,
कोई ना, जिंदगी को एक स्वादिष्ट चाय बनाएं,
इसकी खुशबू से, जीवन को महकाए!
ना कोई जल्दबाजी, ना बहुत देरी,
धीमी आंच पर चाय, बने और सुनहरी,
छान ले हर एक व्यक्ति,
आलोचना रूपी चाय पत्ती!
थोड़ी सी मिश्री, हमारी मुस्कान,
रखें हमेशा, इलायची सी पहचान,
अदरक और लॉन्ग सा, हमारा ताप,
थोड़ा सा स्वाद, बाकी छानकर निकाल ले आप!
बन गई हमारी, जीवन रूपी चाय,
इसे पूरे प्रेम और धैर्य के साथ बनाएं,
नासमझ शिशु से, प्रतिष्ठित व्यक्ति बन जाए,
कच्चे दूध से, स्वादिष्ट चाय बनाए!
Post a Comment
boltizindagi@gmail.com
If you can't commemt, try using Chrome instead.