Maa skandmata by Sudhir Srivastava
October 13, 2021 ・0 comments ・Topic: poem
माँ स्कंदमाता
स्कंदकुमार कार्तिकेय की माता
जगत जननी का पंचम स्वरूप
माँ स्कंदमाता कहलाती,
चतुर्भुजी, कमल पुष्प धारिणी
वरद मुद्रा, गोद में पुत्र लिए
कमलासन,पदमासना,
वातस्लय की देवी,
विचार चेतना शक्तिदात्री
पहाड़वासिनी,शुभ्रवर्णी,
सिंह सवार,मां स्कंदमाता
इच्छित फलदात्री
मूढ़ को ज्ञानी बनाने वाली,
नवचेतन निर्मात्री
सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री
जन कल्याणी माँ स्कंदमाता
भव सागर से पार उतारती।
पीत वस्त्र धारण कर
जो भी माँ का ध्यान करे,
जीवन मरण के बंधन से
उसको माता मुक्त करे।
Post a Comment
boltizindagi@gmail.com
If you can't commemt, try using Chrome instead.