Jhootha aadambar kyu by Jitendra Kabir

October 08, 2021 ・0 comments

 झूठा आडंबर क्यों?

Jhootha aadmbar kyu by Jitendra Kabir


जिस इंसान ने

अपने दुश्मनों से भी कभी

नफरत नहीं की,

अपनी तरफ से की जिसने भरसक कोशिश

कि प्रेम-भाईचारा बना रहे जन-जन में,

जब उसी इंसान के नाम पर

करनी हैं खड़ी दीवारें नफरत की तुम्हें नित्य,

तो फिर बताओ मिलता क्या है 

झूठ-मूठ इस तरह उसका गुणगान करने में?


जिस इंसान की

कथनी व करनी में नहीं था

रत्तीभर का भी अंतर,

अपनी तरफ से जिसने जान लगा दी

अपने विश्वास व सिद्धांतों के पालन में,

जब सत्य, अहिंसा, प्रेम, विनम्रता, सादगी

जैसे सिद्धांत नहीं स्वीकार्य तुम्हें,

तो फिर बताओ मिलता क्या है

उसके सिद्धांतों को मानने का 

झूठ-मूठ इस तरह भव्य आडंबर करने में?


                                      जितेन्द्र 'कबीर'
                                      
यह कविता सर्वथा मौलिक अप्रकाशित एवं स्वरचित है।
साहित्यिक नाम - जितेन्द्र 'कबीर'
संप्रति - अध्यापक
पता - जितेन्द्र कुमार गांव नगोड़ी डाक घर साच तहसील व जिला चम्बा हिमाचल प्रदेश
संपर्क सूत्र - 7018558314

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