Amisha laghukatha by Anita Sharma

October 22, 2021 ・0 comments

 अमीषा

Amisha laghukatha by Anita Sharma


अमीषा आज बहुत खुश है, हो भी क्यों न उसके बेटे की सगाई जो हुई है।सुन्दर सी पढ़ी लिखी डाक्टर बहु जो आ रही है।उसने अपने मन में निश्चय कर लिया है वह अपनी बहु को एक अच्छा माहौल देगी।फालतू की अपेक्षाए नहीं रखेगी। हाँ एक स्वस्थ्य माहौल देगी,कोई बंदिश नहीं।अमीषा के नवजीवन में जो कमियाँ थी वो सब बहु के जीवन में भर देगी।

अचानक अमिषा अतीत में चली गई।उसके पिता एक ईमानदार ऑफीसर थे पर ईमानदारी की सजा हाँ आर्थिक संकट के रूप में मिलती है।पर सभी भाई बहनों ने खूब अच्छा जीवन जिया खूब पढ़ाई की।

सभी लड़कियों की तरह अमिषा की भी शादी तय हुई।कहा गया हमें कुछ नहीं चाहिए पर....मन में था ।

अमिषा की शादी का दिन आया कितने अरमानो के साथ स्टेज पर जयमाला के लिए गयी पर वहाँ नन्दो को खटकता रहा..".बाबूजी देख रहे इन्हें अंदर भेजो"

अमिषा को लगा वह उठकर चली जाये पर ...लोग क्या कहेंगे।मण्डप में हर मिनट पर चाय और छीटाकशी का दौर चलता रहा।चढ़ाव के समय हमारे यहाँ फेरो के बाद चढ़ाव चढ़ता है।ऐसा ही हुआ भी।बिदाई पर बिना ऐठ दिखाये कैसे काम चलता सो वह भी हुआ।बिदा होकर ससुराल आई तो सास का मुँह बना था मुँह चायने में यही स्वागत मिला।अगले दिन फरमान सुनाया गया सारा जेवर छोटी बेटी का है।अमीषा ने तुरन्त दे दिया।

बहुत पुराने ख्यालात का परिवार पर्दा प्रथा।

गाली गलौच और मारपीट का माहौल।अमीषा इसी बीच गर्भवती हो गयी।उसने मन में विचार किया यहाँ बच्चे को जन्म नहीं देगी उसने अपने पति से कहा और वे मान गये।मायके में पुत्र जन्म हुआ नाम पति ने रखा "सिद्धांत"।चूंकि मायके में हुआ था तो तानों की बौछार--मायके से लाई।कोई गोद में न लेता।खैर दस महीने अकेले परवरिश की और फिर मायके आ गयी।उसका मन ऐसे माहौल में घबराता था।एक घटना के बाद स्वयं अमीषा के पिताजी उसे ले गये थे।

मम्मी....अचानक अमीषा की तंद्रा भंग हुई सामने बेटा खड़ा था जो अभी अभी आया था।जनरल सर्जरी के बाद फैलोशिप कर रहा है।

अमीषा अतीत से वर्तमान में लौटी प्रसन्नता से बेटे की ओर देखा और उसे संतुष्टि मिली कि बच्चों को पालने में सफल रही एक अच्छा इन्सान बनाया।अमीषा लग गयी अपनी बहु के लिए चढ़ाव का सामान खरीदने उसके स्वागत में।

उसने एक निश्चिय फिर दोहराया बेटी की तरह रखेगी।।

----अनिता शर्मा झाँसी
------मौलिक रचना

Post a Comment

boltizindagi@gmail.com

If you can't commemt, try using Chrome instead.