Zindagi yun he jazbat se nhi chalti by Ajay Prasad

September 14, 2021 ・0 comments

जिंदगी यूँ ही जज्बात से नहीं चलती

Zindagi yun he jazbat se nhi chalti
जिंदगी यूँ ही जज्बात से नहीं चलती
फक़त उम्दे खयालात से नहीं चलती ।
रुखसत होता हूँ रोज घर से रोज़ी को
गृहस्थी चंदे या खैरात से नहीं चलती ।
मुसलसल जंग है जरूरी जरूरतों से
हसीं ख्वाबो एह्ससात से नहीं चलती ।
रज़ामंदी रूह की लाज़मी है मुहब्बत में
बस जिस्मों के मुलाकात से नहीं चलती ।
कब्र की अहमियत भी समझो गाफिलों
दुनिया सिर्फ़ आबे हयात से नहीं चलती ।

-अजय प्रसाद

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