शिक्षक दिवस पर विशेष कविता
मेरे गुरुजी
आँखों मे चश्मा चमक रहा,
है गेहुंआ रंग ।
धोती कुर्ता पहन कर आते ,
अजब निराले ढंग ।।
पतली छड़ी साथ वो लाते ,
जब कक्षा में आते ।
सब डर जाते देख छड़ी को ,
दौड़ दुबक हम जाते ।।
फिर कहते एक पाठ निकालो,
मोनू जरा पढ़ो तुम,
ध्यान कहाँ है प्यारे बच्चे,
क्यों बैठे हो तुम गुम सुम।।
मोनू भैया थर थर कांपे ,
कुछ बोल ना पाए।
आँखों मे चमक सी आयी,
सुब्रत सर जब आये।।
सुब्रत सर जब बोले सर से,
दूर छड़ी तुम फेंको ।
अच्छे प्यारे बच्चे है ये,
फिर होशियारी देखो।।
सर बोले फेंक छड़ी को,
डर कर कभी पढ़ो मत।
अच्छी बातें अपना लो ,
गंदे कामों की छोड़ो लत ।।
कक्षा बिल्कुल सुधर गयी,
जम कर नाम कमाया।
नाम हो गया मेरे सर का,
पुरुस्कार भी पाया।।
डॉ कमलेंद्र कुमार श्रीवास्तव
राव गंज कालपी ,जालौन
उत्तर प्रदेश पिन 285204
मोबाइल नंबर9451318138
ईमेल om_saksham@rediffmail.com
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परिचय
नाम-डॉ कमलेंद्र कुमार श्रीवास्तव
पिता का नाम-श्री बनवारी लाल श्रीवास्तव
शिक्षा -एमएससी ,बीएड, पीएचडी
लेखन विधा- कैरियर आलेख ,बाल साहित्य
सम्प्रति- शासकीय शिक्षक
अन्य -स्तरीय पत्र पत्रिकाओं में नियमित प्रकाशन
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