Jeevan banaye: sekhe shakhayen by sudhir Srivastava
September 04, 2021 ・0 comments ・Topic: lekh
लेख
जीवन बनाएं : सीखें सिखाएंं
ये हमारा सौभाग्य और ईश्वर की अनुकंपा ही है कि हमें मानव जीवन मिला, तो ऐसे में हम सभी की ये जिम्मेदारी है कि हम इस चार दिन के लिए नश्वर शरीर का घमंड न करें बल्कि इस जीवन की सार्थकता सिद्ध करने का प्रयास करें, इसके लिए हमें अधिक कुछ नहीं करना है,बल्कि सिर्फ़ अपना ही नहीं औरों के भी जीवन को बनाने का प्रयास करना चाहिए है।
अब तक के विभिन्न आयामों से गुजरते हुए जो कुछ भी हमनें सीखा, अनुभव किया, उसे अपने छोटों, कम जानकार और कम अनुभवी लोगों में बाँटना है, उन्हें सिखाना है, दिशा देना है। साथ ही हमें अपने से अनुभवी, ज्ञानी और वरिष्ठों से ग्रहण भी करना है। इस सतत प्रक्रिया को विकसित करना भी है।
लेना और देना यह स्वाभाविक किंतु अनिवार्य प्रक्रिया है,सही मायनों में इसके बिना भला जीवन कहाँ चल सकता है।अतः न ही सिर्फ देना सीखिए बल्कि संकोच और अहम छोड़कर लेना भी सीखिए।
जीवन को बनाना है तो सीखने सिखाने की मनोवृत्ति का विकास , नये आयाम तक ले जाने का प्रयास कीजिये और जीवन की सार्थकता सिद्ध करने की लगातार कोशिश कीजिए।
जो भी आपके पास है उस पर कुँडली मार का मत बैठिये, उसे लोगों में बाँटिए साथ ही जो आपके पास नहीं है,उसे लेने,ग्रहण करने और सीखने के भावों का विकास कीजिये।ऐसा कीजिये फिर महसूस कीजिये कि आपकी जिंदगी बन जायेगी, सँवर जायेगी, खुशियों से भर जायेगी, जीवन में उमंग, उत्साह की गंगा स्वतः प्रवाहित होने लगेगी।
● सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा(उ.प्र.)
8115285921
©मौलिक, स्वरचित
Post a Comment
boltizindagi@gmail.com
If you can't commemt, try using Chrome instead.