Dosharopan by Jitendra Kabir
September 04, 2021 ・0 comments ・Topic: poem
दोषारोपण
नसीब और भगवान
( चाहे होते हों या नहीं )
कोई बड़ा प्रयास करने में,
संघर्ष के कष्टदायक दिनों में,
असफलता के समय
खुद पर भरोसा बनाए रखने में,
किसी बड़ी उपलब्धि की
प्राप्ति हेतू प्रेरित करने में
मानसिक संबल
प्रदान करते हैं बहुत लोगों को,
लेकिन अपनी परेशानियों,
समस्याओं, असफलताओं का
ठीकरा भी इन दोनों के
सर पर ही फोड़ते हैं बहुत लोग।
सच्चाई तो यह है कि
खुद के सर पर कोई दोष ले लेना
चाहते नहीं है बहुत लोग।
जितेन्द्र 'कबीर'
यह कविता सर्वथा मौलिक अप्रकाशित एवं स्वरचित है।
साहित्यिक नाम - जितेन्द्र 'कबीर'
संप्रति - अध्यापक
पता - जितेन्द्र कुमार गांव नगोड़ी डाक घर साच तहसील व जिला चम्बा हिमाचल प्रदेश
संपर्क सूत्र - 7018558314
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