Bhukhe pet to pyar nahi hota by Ajay Prasad

भूखे  पेट  तो  प्यार नहीं  होता

Bhukhe pet to pyar nahi hota by Ajay Prasad


भूखे  पेट  तो  प्यार नहीं  होता

खाली जेब  बाज़ार नहीं  होता ।

पढ़ा-लिखा के घर पे बिठातें हैं

यूँही कोई बेरोज़गार नहीं होता ।

बेलने पड़ते हैं पापड़ क्या क्या

आसानी से सरकार नहीं होता ।

आजकल के बच्चों से क्या कहें

सँग रहना ही परिवार नहीं होता ।

दिल में गर खुलूस न हो अजय

तो फ़िर सेवा,सत्कार नहीं होता।

-अजय प्रसाद

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