Kal nahi aayega by Sudhir Srivastava
August 22, 2021 ・0 comments ・Topic: poem
कल नहीं आयेगा
अब तो इस भ्रम से
बाहर निकलिए,
कि कल भी आयेगा
ये ख्वाब मत पालिए।
आज ही आज रहेगा
सदा वर्तमान रहेगा,
जो कल का इंतज़ार करेगा
वो बहुत पछताएगा।
अपना आज भी गँवाएगा,
फिर बहुत पछताएगा,
मगर हाथ कुछ नहीं आयेगा,
सदा सर्वदा आज ही आज
बस नजर आयेगा,
कल का इंतजार
बस दिवास्वप्न है,
कल भी आयेगा
ये किसी के वश में कहाँ है?
बस आज ही आज नजर आयेगा
क्योंकि कल कभी नहीं आयेगा।
◆ सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा, उ.प्र.
8115285921
© मौलिक, स्वरचित
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