देश हमारा भारत
भारत भूमि हमें तुमसे प्यार है
जननी हमारी हम सेवा में तैयार है
शीश-मुकुट अडिग हिमालय
चरणों को धोता सागर है
पावन गंगा बहती यहां पर
नदिया संगम की धारा है
गंगा सागर की दृश्य मनोरम
प्रकृति का सुन्दर उपहार है
भारत भूमि हमें तुमसे प्यार है
कृषि उत्पादन देश हमारा
ऋषि प्रधान देश है ये
सभी धर्मो के फूल खिले हैं
भारत भूमि उनके आधार है
एकता रूपी धागा मेंबंधकर
आपस में नहीं तकरार है
भारत भूमि हमें तुमसे प्यार है
रिति-रिवाजों के सुन्दर रेले है
पर्व त्योहारों के लगते मेले है
वक्त आने पर भारत भूमि के
जवानों करते जान निसार है
स्व रचित अप्रकाशित रचना
डॉ.इन्दु कुमारी मधेपुरा बिहार
Comments
Post a Comment
boltizindagi@gmail.com