jitendra kabir ki kavitayien champa hp
जितेंद्र कबीर की कविताएँ
इंसान को इंसान से तो मिलाया
होशो-हवास में अक्सर
दूसरे धर्म के लोगों के खिलाफ
नफरत उगलने वाले कई लोगों को,
नशे की हालत में उनके साथ ही
गलबहियां डाले गीत गाते
जब देखा मैंने तो ख्याल आया
कि नशा लाख बुरा हो अपनी जगह लेकिन
जो बड़े से बड़ा महान इंसान न कर पाया
वो इस नशे ने कर दिखाया,
कुछ समय के लिए ही सही
धर्म भुला इंसान को इंसान से तो मिलाया।
होशो-हवास में अक्सर
दूसरी जाति के लोगों के साथ बैठकर
खाना खाने से परहेज करने वाले
कई लोगों को,
नशे की हालत में उनके साथ ही
एक थाली में खाना खाते
जब देखा मैंने तो ख्याल आया
कि नशा लाख बुरा हो अपनी जगह लेकिन
जो भेद सदियों से इंसान न मिटा पाया
वो इस नशे ने मिटाया,
कुछ समय के लिए ही सही
जाति भुला इंसान को इंसान से तो मिलाया।
जितेन्द्र 'कबीर'
यह कविता सर्वथा मौलिक अप्रकाशित एवं स्वरचित है।
साहित्यिक नाम - जितेन्द्र 'कबीर'
संप्रति - अध्यापक
पता - जितेन्द्र कुमार गांव नगोड़ी डाक घर साच तहसील व जिला चम्बा हिमाचल प्रदेश
संपर्क सूत्र - 7018558314
आस्था और विश्वास के नाम पर
सदियों से इंसान का शिकार
बनता रहा है जानवर,
जीभ का स्वाद व पेट की भूख
मूल में रही इन हत्याओं के पीछे
लेकिन जायज ठहराता रहा है इन्हें
इंसान अक्सर कभी किसी
परम्परा के नाम पर तो कभी
आस्था-विश्वास के नाम पर।
वैसे देखा जाए तो
बहुत सारे जीव हैं इस सृष्टि में
अपना पेट भरने के लिए
अपने से कमजोर जीवों पर निर्भर
लेकिन लेते नहीं हैं कभी वो
किसी जीव की जान
अपने इष्ट देवता को प्रसन्न करने
के नाम पर या फिर किसी
धार्मिक अनुष्ठान के नाम पर।
सिर्फ इंसान में ही है यह प्रवृत्ति
कि वो अपने द्वारा की गई हत्याओं को
लाजमी बताता है
कभी शौक पूरा करने के नाम पर
तो कभी अपने अस्तित्व को
बचाए रखने के नाम पर,
कभी अपनी जरूरतों के नाम पर
तो कभी अपने रीति- रिवाजों को
बनाए रखने के नाम पर।
जितेन्द्र 'कबीर'
यह कविता सर्वथा मौलिक अप्रकाशित एवं स्वरचित है।
साहित्यिक नाम - जितेन्द्र 'कबीर'
संप्रति - अध्यापक
पता - जितेन्द्र कुमार गांव नगोड़ी डाक घर साच तहसील व जिला चम्बा हिमाचल प्रदेश
संपर्क सूत्र - 7018558314