Gazal hum tumhare hue tum hamare hue by antima singh
July 23, 2021 ・0 comments ・Topic: antima_singh poem
शीर्षक- हम तुम्हारे हुए, तुम हमारे हुए

दिल की दरिया को दिल में उतारे हुए,
हम तुम्हारे हुए तुम हमारे हुए।
मौज बन हम किनारे से टकरा गयें,
दिल के तूफां को दिल में सम्भाले हुए।
तुम मेंरी भावनाओं से बंधने लगे,
हम दिवाने ग़ज़ल के तुम्हारे हुए।
आपकी आंच से हम पिघलने लगे,
अपने दिल में मुहब्बत को धारे हुए।
जीना मुश्किल हुआ है बिना आपके,
हम तुम्हारी मुहब्बत के मारे हुए।
रातें कटती नहीं काली नागिन सी ये,
तेरे ख्वाबों में ही तो सकारे हुए।
तुम हुए देवता मन के मंदिर के हो,
हम पुजारी हुए दिल को हारे हुए।
मिल गयी आज सारे जहां की मुहब्बत,
जो ''अंतिम'' को तुमसे सहारे मिलें।
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