Devtavon ke guru brihaspati by Anup Kumar Varma
July 25, 2021 ・0 comments ・Topic: poem
शीर्षक -
" देवताओं के गुरु बृहस्पति"
जो अंधेरे से उजाले की ओर ले जाए,
वही तो हम सबका गुरु कहलाए।
ज्ञान पाकर हम अच्छे नागरिक बन जाए,
गुरु हमको सदा यही बताए।।
गुरु को हम शीश झुकाए,
अपना जीवन सफल बनाए।
गुरु के बिना न कोई हम ज्ञान पाए,
शिक्षा देकर सद मार्ग पर लाए।।
गुरु की सेवा करते जाए,
सच्चे सेवक सदा कहाए। ज्ञान की बातें जिसको भाए,
वह ही उत्तम गुरु कहलाए।।
रामचंद्र के गुरु विश्वामित्र कहाए,
दशरथ के गुरु वशिष्ठ बताए।
देवताओं के गुरु बृहस्पति भाए,
"अनूप" सब गुरुओं को शीश झुकाए।।
स्वरचित मौलिक एवं अप्रकाशित
अनूप कुमार वर्मा
कवि/लेखक/पत्रकार/समाजसेवी
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