kavita sangharsh by mosam khan alwar

संघर्ष

kavita sangharsh by mosam khan alwar
संघर्ष है जिसके जीवन में उसे जीवन का सार है
नित जीवन में करते हम संघर्ष जीवन का आधार है
उठ राही संघर्ष कर, एक बार नहीं tu बार बार कर,
संघर्ष बना अपनी जिन्दगी हुआ भव सागर से पार है।।

है संघर्ष कदम कदम पर, जीवन जीना संघर्ष का नाम,
सफल असफल ही संघर्ष है,संघर्ष जीत का दूजा,नाम।
आज नहीं तो कल होगी,होगी जीत संघर्ष की,
कर संघर्ष मंजिल को,संघर्ष ही पहचान बना तू,नाम ।।

प्रकृति में चारो ओर,मुझे संघर्ष संघर्ष नजर आता है,
अपना गौरव, तुझे हराना, छल कपट, नजर आता है,
मुझे तुझ से नहीं तेरे संघर्ष से नफ़रत है,
तू हर जीत,जीतता है संघर्ष से,मुझे हारता नजर आता है

संघर्ष इतिहास बनाता, नामुमकिन को मुमकिन बनाता।।
है संघर्ष की ही ताकत,जो पानी पहाड़ो में रस्ता बनाता है।
चीर अंधेरा फैलाए अपनी आभा, नित सुरज का है संघर्ष,
है संघर्ष यदि तेरा हमदम, जीवन सरल बन जाता है।।

उठ संघर्षी छोड़ निराशा, मंजिल को तू दे ललकार,
लगा गेल संघर्ष को,दे हार को तू फटकार।
बना इतिहास अपना अब तू ए संघर्षी,
संघर्ष तेरे साथ है कर अब सपने साकार।।

मौसम खान
अलवर राजस्थान

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