kavita purane panne by Anita sharma
पुराने पन्ने
चलो पुराने पन्नों को पलटाये,
फिर उन पन्नों को सी लेते हैं।
उसमें दबे अरमानो में से ही,
कुछ अरमान जीवन्त करें।
बहुत दबाया अपने दिल की इच्छाओं को,
उनको चलो खुलकर जी लेते हैं।
आओ आज दबे अरमानो को ही,
खुशियों के पल में चुन लेते हैं।
अपनों की खुशियों की खातिर,
बंद किया दिल के अंदर अरमानो को।
अब अपने लिए आज फिर ,
पन्नों को पलटाकर जी लेते हैं।
अपनी खुशियाँ अपनी इच्छाऐ,
अपने सपनों को साकार करें।
चलो,कुछ एकान्त पलों को भी,
भर लेते अपनी झोली में।
दबे हुए अरमानो में से ही ,
कुछ अरमान पर मुहर लगायें।
दबी हुई इच्छाओं को ही,
अब अपनी पहचान बनाये।
-अनिता शर्मा झाँसी