ग़ज़ल
हर वादे पर आशा किया ना करो
पराधीन होकर जिया ना करो
लगी है जो दिल में आग तो उसे जलने दो
गम में घुट घुट कर जिया ना करो
तुम ही पर विश्वास है जमाने का
बिजली के तार को छुआ ना करो
भागदौड़ की जिंदगी में दौड़ते रहो सी.पी
मंजिल बहुत दूर है रास्ते में रुका ना करो
गम ए मोहब्बत से घबराते हो तो
किसी से प्यार किया ना करो
हर वादे पर ऐसा किया ना करो
लगी है जो दिल में आग तो उसे जलने दो
गम में घुट घुट कर जिया ना करो
हर वादे पर पर आशा किया ना करो
कवि सी.पी गौतम
har vade pe asha kiya na karo
paradheen hokar jiya na karo
lagi hai jo dil me aag to use jalne do
gum me ghut ghut kar jiya na karo
tum he par vishwash hai jamane ka
bijli ke taar ko chuwan na karo
bhag daud ki zindagi me daudte raho c.p.
manzil bahut door hai raste me ruka na karo
gum-a-mohabat se ghabrate ho to
kisi se pyar kiya na karo
har vade pe asha kiya na karo
lagi hai jo dil me aag to use jalne do
gum me ghut ghut kar jiya na karo
har vade pe asha kiya na karo
kavi c.p. gautam
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