कहानी – ठहर गया बसन्त
अपनी झोपड़ी के दरवाज़े के बाहर ,बड़ी हवेली हवेली वाले राजा ठाकुर के यहाँ काम करने वाले रामधन चच्चा की रौबदार आवाज सुनकर हुमक उठी थी नौ साल की नन्ही सी सरबतिया …….
अपनी झोपड़ी के दरवाज़े के बाहर ,बड़ी हवेली हवेली वाले राजा ठाकुर के यहाँ काम करने वाले रामधन चच्चा की रौबदार आवाज सुनकर हुमक उठी थी नौ साल की नन्ही सी सरबतिया …….