माँ-हरविंदर सिंह ‘ग़ुलाम’
माँ सुना देवताओं के बारे में अक्सरमगर देव कोई कभी भी न आया लगी ठोकरें जब ज़माने की मुझको हर बार माँ ने गले से लगाया कभी भूखे रहकर कभी प्यासे रहकर करती रही वो दुआऐं हमेशा मेरे ही उज्ज्वल भविष्य की कामना से हर इक दर पर जा माथा निवाया लड़ी वो हर इक … Read more