माँ-हरविंदर सिंह ‘ग़ुलाम’

माँ सुना देवताओं के बारे में अक्सरमगर देव कोई कभी भी न आया लगी ठोकरें जब ज़माने की मुझको हर बार माँ ने गले से लगाया कभी भूखे रहकर कभी प्यासे रहकर करती रही वो दुआऐं हमेशा मेरे ही उज्ज्वल भविष्य की कामना से हर इक दर पर जा माथा निवाया लड़ी वो हर इक … Read more

माँ तेरे इस प्यार को

माँ तेरे इस प्यार को तेरे आँचल में छुपा, कैसा ये अहसास ।सोता हूँ माँ चैन से, जब होती हो पास ।। माँ ममता की खान है, धरती पर भगवान ।माँ की महिमा मानिए, सबसे श्रेष्ठ-महान ।। माँ वीणा की तार है, माँ है फूल बहार ।माँ ही लय, माँ ताल है, जीवन की झंकार … Read more

Laghukatha- mairathan by kanchan shukla

 मैराथन डॉक्टर ने बोला है, आज के चौबीस घंटे बहुत नाजुक हैं। हल्का फुल्का सब सुन रहा हूँ। कोई मलाल नही। जीवन की इस अंतिम बेला में, पीछे मुड़कर देखता हूँ, तो कुछ नही जिसकी मुझे चाहना हो। परिवार में सभी विचल और खिन्न हैं। सब स्वार्थ निहित शोक में होंगे। पत्नी का ही रहरहकर … Read more

Laghukatha-dikhawati by kanchan shukla

 दिखावटी मिहिका के दिल में बहुत कसक है। शुरुआत में तो ज़्यादा ही होती थी। जब भी माँपिता से, इस बात का ज़िक्र किया। वे कहते,”हमें तुझ पर विश्वास है।” उसके बाद, कुछ कहने की हिम्मत नही जुटा पाई। उसे लगता, उसके निर्णय से सभी नाराज़ थे, इसलिए ऐसा कह, बात टाल देते हैं। बार … Read more

Kahani khamosh cheekh by chandrhas Bhardwaj

ख़ामोश चीख सुधीर अपने आवास पर पहुँचे तो शाम के सात बज गए थे । रघुपति दरवाजे पर खड़ा था । अंधकार घना हो चुका था । पूस का महीना । आज फिर सुधीर ने दुष्कर्म पीड़िता रूद्रा को अपना खून दिया था । शरीर में कमजोरी महसूस हो रही थी । शांता ऐसा नहीं … Read more

Laghukatha rani beti raj karegi by gaytri shukla

रानी बेटी राज करेगी बेटी पराया धन होती है, यह सत्य बदल नहीं सकता । अगर आप शांति से विचार करें तो विवाह के बाद बेटी के जीवन में दखलंदाजी करना अनुचित है । यही कारण है कि बेटी एक जिम्मेदार पत्नी, बहू नहीं बन पाती । बेटी को अपने ससुराल में स्वयं को ढालने … Read more

Laghukatha mere hisse ki dhoop by rupam

लघुकथा मेरे हिस्से की धूप तमाम तरह के बहस-मुबाहिसे होने के बाद भी उसका एक ही सवाल था- तो तुमने आखिरकार तय कर ही लिया । मैंने कहा – हां। इस उलझन से अभी कहां उबर पाई थी कि मां का फोन आ गया। मैंने फ़ोन उठाया। उनका भी यही सवाल- कब आ रही ?? … Read more

Laghukatha dar ke aage jeet hai by gaytri shukla

डर के आगे जीत है रिमझिम के दसवें जन्मदिन पर उसे नाना – नानी की ओर से उपहार में सायकल मिली । चमचमाती लाल सायकल जिसमें हैंडल के सामने छोटा सा बास्केट भी लगा । रिमझिम बहुत प्रसन्न थी बार – बार सायकल की घंटी बजाकर सभी को दिखा रही थी । दूसरे दिन से … Read more

laghukatha freedom the swatantrta by anuj saraswat

लघुकथा – फ्रीडम-द स्वतंत्रता “तू बेटा जा शहर जाकर नौकरी ढूंढ कब तक यहाँ ट्यूशन पढ़ाकर अपने को रोक मत ,मुझे पता अच्छा खासा कमा लेता है ट्यूशन से लेकिन इस पैसों के फेर में नही पड़ना ,स्थायी नौकरी होना ज़रूरी है और अभी तो उम्र भी नही तेरी कुछ, हाथ पैर मार तभी जिंदगी … Read more

Nanhe jasoos bhognipur – story

 👉  नन्हे जासूस भोगनीपुर 👇    उन दिनों भोगनीपुर के समाचार पत्रों में ठगी किए उस विचित्र ढंग की खूब चर्चा थी  । ठगी का एक विशेष तरीका अपनाया गया था  ।  एक गिलहरी किसी व्यक्ति के ऊपर चढ़ जाती ,  कोई व्यक्ति गिलहरी को भगाने के बहाने आता और उस आदमी पर से हटाता  … Read more