मेरा स्वाभिमान दे देना | mera swabhiman de dena

मेरा स्वाभिमान दे देना

चाहत नही किसी तोहफे की भाई
बस इस राखी मेरा स्वाभिमान दे देना,

हर शौक तो पूरा किया पिता ने मेरे
उनके बाद मुझे अपना नाम दे देना,

इज्जत खुद कमा लूंगी जमाने में मैं
तुम दूसरी बहनों को सम्मान दे देना,

जो कर दूं मैं गलतियां हजार भी कभी
थप्पड़ भी तुम मुझे सरेआम दे देना,

पर उंगली उठे जब आबरू पर मेरे
बस उस वक्त मुझे बचा लेना,

इस आजाद मुल्क में भी घुटन बहुत है
सुकून वाली मुझे वो शाम दे देना,

बांधी जो आज राखी कलाई पर तेरे
उपहार में मुझे मेरा स्वाभिमान दे देना।

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Mamta kushwaha
ममता कुशवाहा
मुजफ्फरपुर, बिहार
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