झांसी की रानी पर कविता | poem on Rani laxmi bai

झांसी की रानी पर कविता | poem on Rani laxmi bai

झांसी की रानी पर कविता | poem on Rani laxmi bai
रणचंड भयंकर और प्रचंड
किया झांसी की रानी ने
अपना अखंड विश्वास अमर
भारत की वही कहानी में
दे मिट्टी को अमरत्व और
घोड़े , तलवार निशानी में
खुद एक भारती माँ बनकर
रक्षार्थ हुई मर्दानी में...
~भास्कर दत्त शुक्ल
 
English version   
Ranchand fierce and furious
did the queen of Jhansi
Immortal my unbroken faith
in the same story of India
give immortality to the soil and
horse, sword in sign
Being a Bharti Maa herself
In the protection of manhood...

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भास्कर दत्त शुक्ल  बीएचयू, वाराणसी
भास्कर दत्त शुक्ल
 बीएचयू, वाराणसी

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