आत्मायें मरा नहीं करती
आत्मायें मरा नहीं करतीमैंने बचपन में सुना था
किसी नायाब मुख से
वे जिंदा रहती हैं
अपने खेतों- खलिहानों में
एक नन्हें पौधे की तरह
पर आज ?
आज आत्मायें ही नहीं हैं,
तो जीवन का प्रश्न कैसा ?
वे मर चुकी हैं वैसे
जैसे नीत्शे ने कहा था
ईश्वर के लिए!!!
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