2028 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक गेम्स में क्रिकेट की एंट्री पर मोहर लगी

क्रिकेट प्रेमियों के लिए 128 साल बाद ख़ुशख़बरी का जोरदार छक्का

2028 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक गेम्स में क्रिकेट की एंट्री पर मोहर लगी
अमेरिका के लॉस एंजिल्स में 2028 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक गेम्स में क्रिकेट की एंट्री पर मोहर लगी - भारत 2036 में ओलंपिक मेजबानी के लिए आशाविंत्त
भारत में आयोजित अंतरराष्ट्रीय मंचों की बैठकों, खेल टूर्नामेंटों में अपनी क्षमता को सिद्ध कर दुनियां का स्वागत करने के अवसर को निभाया है - एडवोकेट किशन भावनानीं गोंदिया
गोंदिया - वैश्विक स्तरपर अगर हम 2023 वर्ष में 17 अक्टूबर 2023 तक के भारत में स्थापित वर्षों से लंबित और स्थापित नए कीर्तिमानों की करें तो हरभारतीय का सीना गर्व से फूल उठेगा क्योंकि वर्ष 2023 में हमने कई रिकॉर्ड कीर्तिमान स्थापित किए हैं, जिसमें ढाई महीने अभी बाकी है।वर्ष के अंत तक और भी नए कीर्तिमान स्थापित होना की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता जिसमें हांगझू एशियन गेम्स में 72 वर्षों बाद पहली बार 107मैडल मिले, वर्ष 2023 जी-20 बैठक, दिल्ली घोषणा पत्र, अनेक अंतरराष्ट्रीय मंचों की मेजबानी, वैश्विक संस्थाओं की बैठक एयरो इंडिया 2023, चंद्रयान-3, वैश्विक अर्थव्यवस्था में पांचवा नंबर, 33 प्रतिशत महिला आरक्षण कानून सहित अनेंकों उपलब्धियां को अगर हम गिनने जाएंगे तो स्थान कम पड़ जाएगा और अभी-अभी 15 -17 अक्टूबर 2023 अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ जिसका समापन आज दिनांक 17 अक्टूबर 2023 को हुआ। यह 141वीं आईओसी की मेजबानी भारत 40 साल के बाद दूसरी बार किया है इसमें पूर्व 1983 में आईओसी के 86 वें सत्र का आयोजन किया गया था। वर्तमान सत्र का उद्घाटन माननीय पीएम ने 14 अक्टूबर 2023 को किया था जिसका समापन आज 17 अक्टूबर 2023 को संपन्न हुआ।इसकी सबसे बड़ीउपलब्धि भी भारत में ही हुई कि 128सालों के बाद क्रिकेट प्रेमियों के लिए खुशखबरी का जोरदार छका भारत में ही लग गया है, क्योंकि अमेरिका के लॉस एंजिल्स में 2028 में होने वाले ग्रीषामकालीन ओलंपिक गेम्स में क्रिकेट को शामिल कर दिया गया है, जिसकी घोषणा भी भारतीय भूमि पर ही की गई है और 2036 में भारत में ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए आशा में और 2029 में होने वाले युवा ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए भी उत्साहित है।चूंकि आज 128 सालों के बाद ओलंपिक में क्रिकेट मैच 20-20 फार्मेट में खेलने की घोषणा आईओसी ने की है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, भारत में आयोजित अंतरराष्ट्रीय मंचों की बैठकों, खेल टूर्नामेंट में अपनी क्षमता को सिद्ध कर दुनियां का स्वागत करने के अवसर को निभाया है।
साथियों बात अगर हमआईओसी द्वारा दिनांक 16अक्टूबर 2023 को ओलंपिक गेम्स में क्रिकेट को शामिल करने की घोषणा की करें तो, क्रिकेट फैंस के लिए बड़ी एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है, अमेरिका के लॉस एंजिलिस में साल 2028 में होने वाले ओलंपिक गेम्स में क्रिकेट की एंट्री हो चुकी है। इंटरनेशनलओलंपिक कमिटी की मुंबई बैठक में इस पर अंतिम फैसला लिया गया। इस बैठक में क्रिकेट के साथ ही 4 अन्य खेलों को भी ओलंपिक्स 2028 में शामिल करने काफैसला लिया गया,जिसमें बेसबॉल सॉफ्टबॉल फ्लैग फुटबॉल, स्क्वैश और लैक्रोस भी शामिल हैं। बता दें कि इंटरनेशनल ओलंपिक कमिटी (आईओसी) के कार्यकारी बोर्ड ने पिछले सप्ताह ही इन पांच खेलो को ओलंपिक्स 2028 में शामिल करने के लॉस एंजिल्स खेल आयोजकों के प्रस्ताव पर बातचीत की मंजूरी दे दी थी।ओलंपिक 2028 में क्रिकेट के साथ बेसबॉल-सॉफ्टबॉल, फ्लैग फुटबॉल, स्क्वैश और लैक्रोस भी आयोजित होंगे। इन पांच खेलों को लेकर बीते शुक्रवार को ही फैसला ले लिया गया था, फिर रविवार से मुंबई में इस मामले में आखिरी दौर की बातचीत चली और फिर आज (सोमवार) दोपहर इन खेलों को ओलंपिक्स में शामिल करने का आधिकारिक ऐलान कर दिया गया। ओलंपिक्स 2028 में क्रिकेट टी20 फॉर्मेट में खेला जाएगा। इसमें महिला और पुरुष दोनों टीमों का इवेंट होगा। फिलहाल, 6-6 टीमों को ही एंट्री दिए जाने का प्रस्ताव रखा गया है. आने वाले दिनों में इस पर टीमों की संख्या को लेकर स्पष्टता आ सकती है।
साथियों बात अगर हम 14 अक्टूबर 2023 को माननीय पीएम द्वारा भारत में 40 वर्षों के बाद 141वीं आईओसी मीटिंग का उद्घाटन कर संबोधन करने की करें तो उन्होंने इस बात पर बल दिया कि खेल भारत की संस्कृति और जीवनशैली का एक महत्वपूर्ण अंग रहा है। जब हम भारत के गांवों की यात्रा करते हैं तो देखते हैं कि कोई भी त्योहार खेल के बिना अधूरा रहता है।भारतीय न सिर्फ खेल प्रेमी हैं, बल्कि इसे आत्मसात भी करते हैं। उन्होंने कहा कि खेल संस्कृति भारत के हजारों वर्ष पुराने इतिहास में परिलक्षित होती है। चाहे सिंधु घाटी सभ्यता हो, वैदिक काल हो या उसके बाद का युग, प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि भारत की खेल विरासत बहुत समृद्ध रही है। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि हजारों वर्ष पहले लिखे गए ग्रंथों में घुड़सवारी, तैराकी तीरंदाजी कुश्ती आदि खेलों सहित 64 विधाओं में पारंगत होने का उल्लेख किया गया है और उनमें पारंगत होने पर बल भी दिया गया है। उन्होंने कहा कि तीरंदाजी के खेल को सीखने के लिए एक धनुर वेद संहिता यानी तीरंदाजी के लिए एक संहिता प्रकाशित की गई थी, जिसमें धनुषवाण, चक्र, भाला, तलवारबाजी, खंजर, गदा और कुश्ती जैसे 7 अनिवार्य कौशलों का उल्लेख किया गया है। यह सत्र खेल से संबंधित विभिन्न हितधारकों के बीच वार्तालाप और ज्ञान साझा करने का अवसर प्रदान करता है। इस अवसर पर एक सभा को संबोधित करते हुए पीएम ने 40 वर्षों के बाद भारत में हो रहे इस सत्र के महत्व का उल्लेख किया।उन्होंनेअहमदाबाद में विश्व के सबसे बड़े स्टेडियम में दर्शकों के उत्साहपूर्ण जयघोष के बीच क्रिकेट विश्व कप में भारत की जीत पर भी प्रसन्नता व्यक्त की थी।उन्होंने कहा था,मैंभारतीय टीम और प्रत्येक भारतीय को इस ऐतिहासिक जीत पर बधाई देता हूं। पीएम ने भारत की इस प्राचीन खेल विरासत का वैज्ञानिक प्रमाण प्रस्तुत किया। उन्होंने धोलावीरा यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का उल्लेख किया और 5000 वर्ष पुराने इस नगर की शहरी योजना में खेल के बुनियादी ढांचे के संदर्भ में भी चर्चा की पीएम ने कहा कि खुदाई में दो स्टेडियम मिले हैं, उनमें से एक उस समय का दुनिया का सबसे पुराना और बड़ा स्टेडियम था। इसी तरह राखीगढ़ी में खेल-कूद से जुड़ी संरचनाएं मिली हैं। श्री मोदी ने कहा कि भारत की यह खेल विरासत संपूर्ण दुनिया की है। पीएम ने खेल की दुनिया में भारत के शानदार प्रदर्शन के लिए सरकार के प्रयासों को इसका श्रेय दिया। उन्होंने ओलंपिक के पिछले संस्करण में कई एथलीटों के शानदार प्रदर्शन का भी स्मरण किया और हाल ही में संपन्न एशियाई खेलों में भारत के अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन और विश्व विश्वविद्यालय खेलों में भारत के युवा एथलीटों द्वारा बनाए गए नए रिकॉर्ड का भी उल्लेख किया।उन्होंने कहा कि सकारात्मक बदलाव भारत में खेलों के तेजी से बदलते परिदृश्य का संकेत हैं। खेल में किसी की हार नहीं होती है, केवल विजेता और सीखने वाले होते हैं। खेल की भाषा और भावना सार्वभौमिक है। खेल महज प्रतिस्पर्धा नहीं है। खेल मानवता को विस्तार करने का अवसर प्रदान करता है।यही कारण है कि रिकॉर्ड विश्व स्तर पर बनाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि खेल वसुधैव कुटुंबकम्- एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' की भावना को भी मजबूत करता है। प्रधानमंत्री ने भारत में खेलों के विकास के लिए हाल के उपायों को भी सूचीबद्ध किया। उन्होंने खेलो इंडिया गेम्स, खेलो इंडिया यूथ गेम्स, खेलो इंडिया विंटर गेम्स, संसद सदस्य खेल प्रतियोगिताओं और आगामी खेलो इंडिया पैरा गेम्स का उल्लेख किया। हम भारत में खेलों में समावेशिता और विविधता पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।भारत ने वैश्विक खेल टूर्नामेंट आयोजित करने में अपनी क्षमता को सफलता पूर्वक सिद्ध किया है। उन्होंने हाल ही में आयोजित शतरंज ओलंपियाड टूर्नामेंट जो 186 देशों का साक्षी बना, फुटबॉल अंडर-17 महिला विश्व कप, हॉकी विश्व कप, महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप, शूटिंग विश्व कप और वर्तमान क्रिकेट विश्व कप जैसे वैश्विक टूर्नामेंटों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि देश हर वर्ष दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग का आयोजन करता है। पीएम ने कहा कि भारत देश में ओलंपिक की मेजबानी करने के प्रति आशान्वित है। भारत 2036 में ओलंपिक के सफल आयोजन की तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ेगा और यह 140 करोड़ भारतीयों का सपना है। उन्होंने कहा कि देश सभी हितधारकों के सहयोग से इस सपने को पूरा करना चाहता है। भारत वर्ष 2029 में होने वाले युवा ओलंपिक की मेजबानी के लिए भी उत्सुक है और उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आईओसी भारत को अपना समर्थन देना जारी रखेगा।
साथियों बात अगर हम केंद्रीय खेल मंत्री द्वारा आईओसी प्रमुखों के साथ बैठक की करें तो, उन्होंने मुंबई में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के 141वें सत्र से पहले, बीते हफ्ते दो दिनों में (13 और 14 अक्टूबर, 2023) आईओसी के कई सदस्यों के साथ बैठकें कीं, जो विश्व भर में विभिन्न खेल संगठनों में प्रमुख पदों पर नियुक्त हैं। आईओसी का सत्र अपने 15-17 अक्टूबर, 2023 के निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मुंबई में संपन्न हुआ।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि क्रिकेट प्रेमियों के लिए 128 साल बाद ख़ुशख़बरी का जोरदार छक्का।अमेरिका के लॉस एंजिल्स में 2028 केग्रीष्मकालीन ओलंपिक गेम्स में क्रिकेट की एंट्री पर मोहर लगी - भारत 2036 में ओलंपिक मेजबानी के लिए आशाविंत्त।भारतमें आयोजित अंतरराष्ट्रीय मंचों की बैठकों,खेल टूर्नामेंटों में अपनी क्षमता को सिद्ध कर दुनियां का स्वागत करने के अवसर को निभाया है।

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kishan bhavnani
कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट 
किशन सनमुख़दास भावनानी 

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