बेतार की बातें
जाने कैसे-कैसे
महकती है यादें, साथ साथ चलती
दिल में तुम्हारी यादें ,
लब लरजते हैं
कुछ कहने को,
बिना तार के ही
पहुंच जाती बातें ,
नींद तुम्हारे हिस्से
सकून की आयी,
करवट बदलकर
यहा गुजरती है रातें,
जाने किस फूल से
तरबतर है जज्बात ,
कभी-कभी महकती हैं
रातभर मदहोशी में सांसे,
जहां के नजर से
बचाने के इंतजाम ,
अपनी खुशनसीबी
किसी को क्यो बताते,
एक नजर से लरजते
दिल जिस्मों जान है,
जाने कहां से हो
ऐसी तुम नजर लाते,
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