अब जीएसटी चोरी की तो ईडी का डंडा चलेगा

अब जीएसटी चोरी की तो ईडी का डंडा चलेगा 

अब जीएसटी चोरी की तो ईडी का डंडा चलेगा

विपक्ष ने टैक्स आतंकवाद की संज्ञा दी

जीएसटी काउंसिल की 50 वीं बैठक के निर्णय दूरगामी परिणामों में मील का पत्थर साबित होंगे
ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो हॉर्स रेसिंग, सट्टा पर 28 प्रतिशत तो कैंसर दवाएं जीएसटी से फ्री से, आम जनता में सुरक्षा संदेश - एडवोकेट किशन भावनानी गोंदिया
गोंदिया - वैश्विक स्तरपर किसी भी देश में उसकी प्रगति का प्रमुख आधार उसका टैक्स स्ट्रक्चर होता है जिसके आधार पर टैक्स कलेक्शन होता है, जिससे उस देश का विकास होता है, क्योंकि इस विकास का मुख्य स्त्रोत टेक्स होता है इसलिए हर देश अपने-अपने स्तर पर टैक्स का दायराबढ़ाने के तरीकों पर विचार कर उसे लागू करने के प्रयास करते रहते हैं ताकि टैक्स पर किसी को कोई दिक्कत भी ना हो और स्वेच्छा से टैक्स भुगतान करने के लिए प्रोत्साहित हो इसलिए इसी राह पर भारत भी बड़ी संजीदगी से चल रहा है जिसका परिणाम हर महीने जीएसटी कलेक्शन में पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए नए नए आयाम बनते जा रहे हैं। हालांकि टैक्स कलेक्शन का दायरा बढ़ाने के साथ उसकी चोरी और लीकेजेस को रोकने के लिए भी कठोर कदम उठाने की जरूरत आन पड़ी है, क्योंकि कहावत है हर कानून की तोड़ निकल ही आती है। इसलिए इसे गंभीरता से लेते हुए वित्त मंत्रालय ने 2 दिन पूर्व एक अधिसूचना जारी कर जीएसटी में ईडी याने धन शोधन प्रधान अधिनियम (पीएमएलए) 2022 में संशोधन कर उसका दायरा बढ़ाकर जीएसटी की प्रौद्योगिकी इकाई संभालने वाली जीएसटीएन को उन इकाइयों में शामिल कर दिया गया है जिसे विपक्ष ने कर आतंकवाद की संज्ञा दी है। चूंकि दिनांक 11 जुलाई 2023 को देर शाम जीएसटी काउंसिल की 50वीं बैठक संपन्न हुई जिसमें ऑनलाइन गेमिंग कैसीनो हॉर्स रेसिंग सट्टा पर 28 प्रतिशत जीएसटी और कैंसर दवाओं पर आईजीएसटी फ्री पर मोहर लगाई गई और विपक्ष का जीएसटी में ईडी मामले पर चर्चा के लिए हंगामा भी हुआ इसलिए आज हम इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, सावधान ! अब जीएसटी की चोरी की तो ईडी का डंडा पड़ेगा, विपक्ष ने टैक्स आतंकवाद की संज्ञा दी।
साथियों बात अगर हम जीएसटी काउंसिल की दिनांक 11 जुलाई 2023 को देर रात संपन्न हुई 50 वीं बैठक की करें तो, माल व सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत कर लगाने पर सहमति जताई है। सिनेमाघर के अंदर खाने-पीने के सामान भी अब सस्ते हो जाएंगे। जीएसटी परिषद की 50वीं बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री ने बताया कि हमने निजी संगठनों द्वारा प्रदान की जाने वाली उपग्रह प्रक्षेपण सेवाओं के लिए जीएसटी पर छूट की पेशकश की है। इसके अलावा ऑनलाइन गेमिंग, हॉर्स रेसिंग और कैसिनो पर 28 प्रतिशत (सभी तीन गतिविधियों) कर लगेगा और यह कर पूर्ण अंकित मूल्य पर कर लगाया जाएगा। हालांकि फिक्की गेमिंग कमिटी के प्रतिनिधित्व वाली शीर्ष ऑनलाइन गेमिंग फर्मों के एक समूह ने केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) से इस क्षेत्र के लिए जीएसटी दर को बढ़ाकर 28 प्रतिशत नहीं करने का आग्रह किया था। उनकी ओर से कहा गया, ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के अस्तित्व के लिए यह बेहद हानिकारक होगा क्योंकि कोई भी व्यावसायिक संचालन इस तरह के उच्च कर के साथ जारी नहीं रह सकता है।केंद्रीय वित्तमंत्री की अध्यक्षता में कैंसर दवाओं को जीएसटी से छूट मिली है। अगर कोई निजीउपयोग के लिए भी दुर्लभ बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली कैंसर की दवा डिनुटुक्सिमैब विदेशों से मंगाता है तो उस पर भी आईजीएसटी नहीं लगेगा। इसपर अभी तक 12 फीसदी कर लगता है। इसके एक डोज की कीमत 63 लाख रुपये तक है। इसी तरह फूड फॉर स्पेशल मेडिकल पर्पज (एफएसएमपी) के आयात पर जीएसटी से छूट को भी मंजूरी दे दी है। फिटमेंट कमेटी का कहना था कि जिस दवा की कीमत 26 लाख हो और जिसके लिए क्राउड फंडिंग से पैसा जुटाते हों, उसे जीएसटी के दायरे से बाहर किया जाना चाहिए। मंत्रियों के समूह ने इस पर सहमति जताई थी।साथियों बातें कर हम वित्त मंत्रालय की एक पीएमएलए एक्ट 2022 के संशोधन की अधिसूचना की करें तो, वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना के माध्यम से धन शोधन रोधक अधिनियम (पीएमएलए), 2022 में संशोधन किया है।इसके तहत जीएसटी की प्रौद्योगिकी इकाई संभालने वाली जीएसटीएन को उन इकाइयों में शामिल कर लिया गया है, जिनके साथ ईडी सूचना साझा कर सकता है। बैठक में दिल्ली और पंजाब सरकारों ने इन अधिसूचना पर चिंता जताते हुए इसपर चर्चा की मांग की। दिल्ली की वित्त मंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा, कई वित्त मंत्रियों ने यह मुद्दा उठाया। दिल्ली, पंजाब, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु,हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और राजस्थान ने चिंता जताते हुए कहा है कि इसपर परिषद में चर्चा होनी चाहिए। एक सज्जन कहा कि कई राज्यों ने चर्चा की मांग की है।अधिसूचना ईडी को जीएसटी का भुगतान नहीं करने पर किसी भी व्यवसायी को गिरफ्तार करने का अधिकार देती है। इस तरह के फैसले से देश में कर आतंकवाद बढ़ेगा और यह छोटे कारोबारियों और आम लोगों के लिए खतरनाक है। एक मंत्री ने कहा कि जीएसटीएन को पीएमएलए के तहत लाया गया है। इसका मतलब यह होगा कि चाहे आप छोटे या बड़े व्यवसाय में हों, यदि आप जीएसटी के तहत पंजीकृत हैं, तो आप पर रिटर्न दाखिल करने में देरी जैसे अपराधों के लिए ईडी मुकदमा चला सकता है। राजस्व सचिव ने जीएसटी परिषद की बैठक के बाद कहा कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) का जीएसटी कानून से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि जीएसटीएन की जानकारी को पीएमएलए के तहत लाने की अधिसूचना हमारी एजेंसियों को कर चोरी पर अधिक जानकारी के साथ सशक्त बनाएगी, जो उन्हें पहले नहीं मिल रही थी। सरकार ने जीएसटी कलेक्शन के लिए इस एक्ट का उपयोग किया जाएगा। इससे टैक्स चोरी करने वाले और डॉक्यूमेंट्स में हेराफेरी करने वालों पर लगाम लगाई जा सकती है। इस एक्ट में फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट, फर्जी चालान आदि शामिल किया जाएगा। ऐसा माना जा रहा है कि फर्जी बिलिंग के जरिये होने वाले टैक्स चोरी को रोकने के लिए सरकार ने ये फैसला लिया है। इस फैसले के बाद ईडी को और ज्यादाअधिकार मिल जाएंगे।
साथियों प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट ,2022 को समझने की करें तो, इसे आम भाषा में समझें तो येजीएसटी नंबर के द्वारा पैसे की हेरफेर को ठिकाने में लगाया के लिए ये कानून काम करती है। ये एक तरह से मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए किया जाता है। ये कानून 2005 में लागू किया गया था। इस कानून के तहत एडी आरोपी को गिरफ्तार करके उसके संपत्तियों को जब्त कर दिया जाता है। इसमें जांच के बाद ही कोर्ट द्वारा कोई फैसला लिया जाता है। छोटे व्यापारियों गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क की जानकारियों को अब पीएमएलए की धारा 66 (1) (iii) के तहत दी जाएगी। अब छोटे व्यापारियों को अपने अकाउंट रखने के लिए सॉफ्टवेयर भी उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके लिए अब वो अपना मंथली रिटर्न को अपलोड कर सकते हैं। यह एक मजबूत नेटवर्क है। इसे सरकार जीएसटी कलेक्शन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसे सभी केंद्र और राज्य सरकारों, करदाता और बाकी स्टेकहोल्डर्स को एक आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर और सर्विस देता है।गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क क्या काम करती है?ये लोगों को रजिस्ट्रेशन की सुविधा देती है। इसके जरिये सेंट्रल और स्टेट अथॉरिटी को रिटर्न फॉरवर्ड किया जाता है। इससे आईजीएसटी का केल्क्यूलेशन और सेटलमेंट किया जाता है। टैक्स की पेमेंट और बैंकिंग के नेटवर्क को मैच किया जाता है। इसके साथ ही इसके जरिये एमआईसी रिपोर्ट भी दी जाती है। टैक्सपेयर्स की प्रोफाइल का एनालिसिस भी इसके जरिये किया जाता है। मंगलवार 11 जुलाई को हुए रहे जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में आज कई विपक्षी शासित राज्यों ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को गुड्स एंड सर्विस टैक्स नेटवर्क (जीएसटीएन) के साथ जानकारी साझा करने की अनुमति देने के केंद्र के फैसले पर चिंता व्यक्त की है। एक पार्टी शासित पंजाब के वित्त मंत्री ने कहा कि यह 'टैक्स आतंकवाद' और छोटे व्यवसायों को डराने जैसा है। इन राज्यों के वित्त मंत्री ने उठाये सवाल
दिल्ली की वित्त मंत्री ने मीडिया को बताया कि दिल्ली, पंजाब पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और राजस्थान के वित्त मंत्रियों ने अपनी चिंता व्यक्त की है और कहा है कि इस पर जीएसटी परिषद में चर्चा की जानी चाहिए।सरकार के इस फैसले से होगा यह नुकसानपंजाब के वित्त मंत्री ने कहा कि कई राज्यों ने चर्चा की मांग की है। यह अधिसूचना ईडी को जीएसटी का भुगतान नहीं करने पर किसी भी व्यवसायी को पकड़ने की शक्ति देगी।
साथियों अगर हम जीएसटी काउंसिल की बैठक में अन्य राहत निर्णयों की करें तो, वित्त मंत्री ने बताया कि बिना पके हुए या बिना तले हुए एक्सट्रूडेड स्नैक पैलेट पर जीएसटी की दर 18 फ़ीसदी से घटाकर 5 फ़ीसदी कर दी गई है। मछली में घुलनशील पेस्ट पर भी दरों को 18 फ़ीसदी से घटाकर 5 फ़ीसदी कर दिया गया है। इमिटेशन जरी धागों पर कर की दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई है। सिनेमाघर के भीतर मिलने वाले खाद्यपदार्थों पर जीएसटी घटाई गई। परिषद ने सिनेमा टिकटों की बिक्री और पॉपकॉर्न या कोल्ड ड्रिंक आदि जैसे खाद्य पदार्थों की आपूर्ति पर लगने वाले कर के मामले में भी बड़ा फैसला लिया है।
अतः अगर हम लोग पूरे विवरण का अध्ययन कर उसकाविश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि सावधान ! अब जीएसटी चोरी की तो ईडी का डंडा चलेगा!- विपक्ष ने टैक्स आतंकवाद की संज्ञा दी।जीएसटी काउंसिल की 50 वीं बैठक के निर्णय दूरगामी परिणामों में मील का पत्थर साबित होंगे।ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो हॉर्स रेसिंग, सट्टा पर 28 प्रतिशत तो कैंसर दवाएं जीएसटी से फ्री से, आम जनता में सुरक्षा संदेश का आभास हुआ।

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कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
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