तेरे आते ही जी उठे
मेरे मुस्कुराने की वज़ह सिर्फ तुम मेरी जिंदगानीउड़ना चाहूं पवन, तेरे संग बहे, इश्क की रवानी।।
महसूस करती सुनो तुमको सनम, जब कभी मैं
तेरी बांहों कि कसक लगे मुझे, कितनी सुहानी।।
जानती हूं मैं, ये दूरियां हमारे बीच की, मिलों की है
करीब पाती फिर भी मैं तुझे, यही तो मेरी नादानी।।
तेरी तस्वीर को हम, अपने सीने से लगाते अक्सर
तेरी तस्वीर से रोज़ बतियाके सोते, यही मेरी कहानी।।
उम्र के इस पड़ाव तक आते-आते थक गयी थी वीना
तेरे आते जी उठी मेरी जिंदगी, लगे आई, फिर जवानी।।
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वीना आडवाणी तन्वी
नागपुर , महाराष्ट्र
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