आम बज़ट 2023 संसद में पारित, प्रक्रिया पूरी हुई
सभापति ने वित्त विधेयक पर सदन में चर्चा के लिए निर्धारित 10 घंटों का सदस्यों द्वारा उपयोग नहीं करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया
वित्त विधेयक 2023, प्रमुख संशोधनों के साथ सदन से पारित होना जनहित में विकासोन्मुख कार्य - एडवोकेट किशन भावनानीगोंदिया - भारत में बजट सत्र 2023 का प्रथम चरण 31 ज़नवरी 2023 को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में माननीय माननीया राष्ट्रपति महोदय के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ था, इसके बाद 1 फरवरी 2023 को माननीय वित्त मंत्री द्वारा बजट प्रस्तुत किया गया था। इस प्रथम चरण में उद्योगपति पर एक रिसर्च रिपोर्ट पर जोरदार हंगामा हुआ और चरण बाधित होता रहा फिर 13 मार्च 2023 तक स्थगित कर दिया गया था। अब दूसरा चरण शुरू है जो 6 अप्रैल 2023 तक चलने की संभावना है जिसमें आज 27 फ़रवरी 2023 को एक महत्वपूर्ण कामकाज देखने को मिला कि आम बज़ट 2023 को पारित कर प्रक्रिया पूर्ण की गई जो जनहित में एक विकासोन्मुख कार्य है। परंतु उपरी सदन के सभापति महोदय ने कहा कि वित्त विधेयक पर चर्चा के लिए निर्धारित 10 घंटों का सदस्यों ने उपयोग नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण है। चूंकि आज आम बजट 2023 संसद द्वारा पारित कर प्रक्रिया पूर्ण हुई इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी तथा टीवी चैनलों पर चर्चा के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से इसपर चर्चा करेंगे।
साथियों बात अगर हम संसद में बजट 2023 के पारित होने की करें तो, संसद में वित्त वर्ष 2023-24 के बजट की प्रक्रिया पूरी हो गई है। राज्यसभा में हंगामे के बीच वित्त विधेयक 2023 को बिना चर्चा के संशोधन के साथ वापिस कर दिया गया। पिछले सप्ताह लोकसभा ने विपक्षी दलों के लगातार विरोध के बीच वित्त विधेयक को मंजूरी दे दी थी।राज्यसभा में 27 मार्च 2023 को जब दोपहर बाद 2 बजे पहले स्थगन के बाद सदन की बैठक शुरू हुई तो वित्तमंत्री ने विधेयक पेश किया। उद्योगपति समूह के मामले में संयुक्त संसदीय समिति की जांच की मांग को लेकर मुख्य विपक्षी दल और दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी के सदस्य सदन के बीचोंबीच आ गए थे, और अन्य दलों के सदस्य शोरशराबा करते रहे। जब लोकसभा शाम 4 बजे पहले स्थगन के बाद जब लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो सदन ने ध्वनि मत से वित्त विधेयक 2023 में संशोधन को स्वीकार कर लिया। राज्यसभा ने विनियोग विधेयक 2023 और जम्मू कश्मीर विनियोग विधेयक बिना चर्चा के ध्वनिमत से लोकसभा को लौटा दिया। इसके बाद सभापति की अनुमति से वित्त मंत्री से वित्त विधेयक 2023 को सदन में पेश किया। इस दौरान सदन में विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी था। हंगामे के बीच ही वित्त विधेयक 2023 को बिना चर्चा के, ध्वनिमत से लोकसभा को लौटा दिया गया। वित्त विधेयक को लोकसभा को लौटाए जाने के साथ ही सदन में वित्त वर्ष 2023-24 के बजट की प्रक्रिया पूरी हो गयी। बिल में कुल 64 आधिकारिक संशोधनों के प्रस्ताव पेश किए गए, जिसमें एक प्रस्ताव शामिल था जो विशिष्ट श्रेणियों के ऋण म्यूचुअल फंड के लिए लंबी अवधि के कर लाभों को समाप्त करने का लक्ष्य रखता है और दूसरा प्रस्ताव जीएसटी एपीलेट ट्रिब्यूनल की स्थापना का आह्वान करता है।वित्त विधेयक 2023 कई संशोधनों को शामिल करता है, जैसे घरेलू इक्विटी में 35 फ़ीसदी से कम एयूएम वाले म्यूचुअल फंडों के लिए लघुकालिक पूंजी लाभ के रूप में कर लगाना और जीआईएफटी शहर में संचालित ऑफशोर बैंकिंग इकाइयों को उन्हें सुविधा प्रदान करने के लिए बढ़ी हुई कर छूट प्राप्त करना, जो अपनी आय के लिए 10 साल तक 100 फ़ीसदी कटौती प्राप्त करेंगी।इसके अलावा, विदेशी कंपनियों द्वारा कमाई गई रॉयल्टी या तकनीकी शुल्क पर कर 10 फ़ीसदी से 20 फ़ीसदी तक बढ़ा दिया गया है।अन्य संशोधन में पेंशन प्रणाली की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक समिति का गठन करना और 7 लाख रुपये से अधिक आय के लिए कर भुगतान सीमा लगाकर मार्जिनल रिलीफ प्रस्ताव करना शामिल है।वित्त विधेयक 2023 में यह भी प्रस्ताव है कि विदेशी दौरों के लिए क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किए गए सभी लिबरलाइज्ड रिमिटेंस स्कीम (एलआरएस) भुगतान एलआरएस के तहत देखा जाए और टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (टीसीएस) के अधीन हों। इसके अलावा, विकल्पों की बिक्री पर प्रतिभूति के रूप में सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स को Rs. 1 करोड़ के टर्नओवर पर रुपए 1,700 से बढ़ाकर रुपए 2,100 कर दिया गया है। सभापति ने वित्त विधेयक पर सदन में चर्चा के लिए निर्धारित 10 घंटे का सदस्यों द्वारा उपयोग नहीं करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। लोकसभा में एक फरवरी को वित्त मंत्री द्वारा आम बजट 2023-24 पेश किए जाने के साथ ही बजट प्रक्रिया प्रारंभ हुई थी। निचले सदन में यह विधेयक 24 मार्च को पारित हुआ था।
साथियों बात अगर हम वित्त विधेयक को जाननेकी करें तोएक बिल जिसमें कर और व्यय से संबंधित कुछ प्रावधान होते हैं, और अतिरिक्त विषयों से संबंधित प्रावधान भी होते हैं, उसे वित्तीय बिल कहा जाता है। एक बिल जिसमें कर और व्यय से संबंधित कुछ प्रावधान होते हैं, और अतिरिक्त विषयों से संबंधित प्रावधान भी होते हैं, उसे वित्तीय बिल कहा जाता है। लोक सभा के विधि विधान के नियम 219 के अनुसार, वित्त विधेयक वह विधेयक होता है जो हर साल सरकार द्वारा आगामी वित्त वर्ष के वित्तीय प्रस्तावों को प्रभावी बनाने के लिए सामान्यतः पेश किया जाता है और किसी अन्य अवधि के लिए सहायक वित्तीय प्रस्तावों को प्रभावी बनाने के लिए पेश किए जाने वाले विधेयक को शामिल करता है। यह यूनियन बजट का एक हिस्सा होता है, जो वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तावित कर दी गई कर बदलावों के लिए आवश्यक सभी कानूनी संशोधनों को निर्धारित करता है। फाइनेंस बिल के विभिन्न प्रकार होते हैं- उनमें से सबसे महत्वपूर्ण होता है मनी बिल। मनी बिल को लेख 110 में ठोस रूप से परिभाषित किया गया है। लोकसभा के अध्यक्ष को यह निर्णय लेने की अधिकार होता है कि बिल क्या एक मनी बिल है या नहीं। इसके अलावा, अध्यक्ष का निर्णय अंतिम माना जाता है। वित्त विधेयक, एक मनी बिल के रूप में, संसद के निचले सदन यानि लोकसभा द्वारा पास किया जाना चाहिए। लोकसभा की मंजूरी के बाद, वित्त विधेयक वित्त अधिनियम बन जाता है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि आम बजट 2023 संसद में पारित प्रक्रिया पूरी हुई। सभापति ने वित्त विधेयक पर सदन में चर्चा के लिए निर्धारित 10 घंटों का सदस्यों द्वारा उपयोग नहीं करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। वित्त विधेयक 2023 प्रमुख संशोधनों के साथ सदन से पारित होना जनहित में विकासोन्मुख कार्य है।
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कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
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