Ayurved par kavita | आयुर्वेद पर कविता

आयुर्वेद और मधुकवि

Ayurved par kavita | आयुर्वेद पर कविता
हर दिन हर घर आयुर्वेद।।
दूर करे तन मन के खेद।।

नस नाड़ी को पुष्ट बनाता।।
त्रिविध दोष से मुक्ति दिलाता।।
जीवन दायिनी शक्ति बढ़ाये,
विरला जाने सखि ये भेद।।
हर दिन हर घर आयुर्वेद।।

आयुर्वेद प्रकृति अनुदित है।।
इसमें निहित सभी का हित है।।
रज अरु बीर्य बढ़ें औषधि से,
बिकसित होते मज्जा मेद।।
हर दिन हर घर आयुर्वेद।।

रोग निरोधक दे जीवाणु।।
नष्ट करे बिष भरे बिषाणु।।
आयुर्वेद शुद्धता लाकर,
रोग करे सारे विच्छेद।।
हर दिन हर घर आयुर्वेद

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Madhukavi Rakesh madhur
मधुकवि राकेश मधुर
गांव-चाबरखास
तहसील--तिलहर
जनपद-शाहजहांपुर यू पी

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