कविता शब्द/kavita shabd
जब शब्द ही निशब्द हो जातें हैं
दिल के भाव दिल ही में रह जातेंबातें दिलों की दिल खोल कर शब्द ही कह जाते हैं
शब्द देते हैं शब्द आंखों के भाव को
अंतर की पीड़ा और प्रतिभावों को
शब्दों का वजन होता हैं बहुत ही
कभी कम तो का कभी ज्यादा होता हैं
कक्षा भी तो होती बहुत शब्दों की
कभी उत्तम तो कभी कनिष्ठ होते हैं
देते हैं भाव भजन के अर्थों को
भगवान से अनुनय का मौका देते हैं
बोले तो भाव पूर्ण बनते लिखे तो
अर्थपूर्ण बन जातें हैं
शब्दों को शब्दों से समझ ले आओ
शब्दों की अनुपम भाषा की बात
शब्दों से ही करते हैं
#rishisunak rishi sunak
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