मेरी दर्द ए कहानी

मेरी दर्द ए कहानी

मेरी दर्द ए कहानी
ना हो कभी किसी की भी
मेरी तरह जिंदगानी
ना हो कभी किसी की
मेरी तरह आंखों में पानी

ना हो कभी मेरी तरह फरेब
की जिंदगी में कोई निशानी
ना हो मेरी तरह हाथों में कलम
चार दीवारी में चीखों की रवानी।।

बही आज फिर दर्द-ए पुरवाई
आंखों से ओझल नींद लिखे दीवानी
दूजी महबूबा संग महके पिया
सताए ये ऋतु संग मुझे भरी जवानी।।

ना मिले किसी को पिया से फरेब
टूटे ना कोई मोहब्बत-ए दीवानी
जीतेजी मारा पिया ने ही मेरे
थमाई कलम यही मेरी कहानी।।

About author 

Veena advani
वीना आडवाणी तन्वी
नागपुर , महाराष्ट्र

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