यही तो राजनीति है

 व्यंग्य

यही तो राजनीति है   

भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों की बात सुनने भर से ही मेरा मन एकदम से खिन्न हो जाता है l एक दिन अपनी उत्सुकता लेकर अपने अभिन्न मित्रों में से एक मित्र जुगाडू जी के पास मैं पहुँच गया l और अपनी चिंता उन्हें बताई l मैनें जुगाडू जी से पूछा l 

जुगाडू जी हमको एगो बात समझ में नहीं आ रहा है l भ्रष्टाचार की बात को लेकर ही साहेब की वापसी सन् 2014 में हुई थी l टू जी स्पेक्ट्रम से लेकर , काॅमन वेल्थ घोटाला और जीजाजी घोटाला तक ना जाने कितने सारे घोटाले चँगू जी की सरकार में हुए l लेकिन ,ससुरा आज आठ साल बितने को हैं l लेकिन , कोई भी अंदर नहीं गया l आखिर , माजरा क्या है ? जुगाडू जी मुस्कुराते हुए बोले l जैसे कोई गूढ़ रहस्य बता रहें हों l

आप भी ना कभी - कभी बुडबकों जैसी बातें करते हैं l कानून- व्यवस्था , पुलिस- प्रशासन सब पैसे वाले लोगों के लिये होती है l कानून बनाने वालों ने ही उसके अंदर सुराख बनाकर रखा हुआ है l इसको ऐसे समझिये आप मच्छरदानी लगा कर सोते हैं l लेकिन अक्सर आप देखियेगा कि कहीं ना कहीं-कहीं से , किस ना किसी छेद से ससुरा मच्छर अंदर घुस ही जाता है l और हमारा खून चूसता रहता है l खून चूसकर फिर उसी छेद से बाहर भी निकल जाता है l हमरा कानूनों सब ऐसा ही है l भ्रष्टाचार करिये सेफ जोन में रहकर और समय देखकर निकल लीजिये किसी सुराख से l 

नै त वकीलवन सब का खायेगा l और , उनकी दूकानदारी कैसे चलेगी ? 

 हिचकिचाते हुए मैनें उनसे फिर पूछा l अच्छा ई बताईये दिल्ली में क्या हुआ है ? क्या शिक्षा मंत्री भ्रष्टाचारी हैं ? जुगाडू जी ने मुझे अज्ञानियों की तरह घूरा l फिर मुझ पर हँसते हुए बोले l साहेब जो विदेशों में रखा काला धन लाने की बात कह रहें थें l या जिन - जिन लोगों का काला धन स्विस बैंकों में रखा हुआ था l जिनके नामों को सार्वजनिक करने की बात वो कह रहें थें l कहाँ हैं वो नामों की लिस्ट बताईये ? देखी है आपने आज तक ? 

फिर दिल्ली के शिक्षा मंत्री दोषी हैं क्या ? मैनें पूछा l 

पहले शिक्षा मंत्री पर करोड़ों रूपये के घोटाले का आरोप लगा l शिक्षा मंत्री के घर, मोबाइल और फिर लाॅकर को भी खँगाला गया l लेकिन , कहीं से कुछ नहीं मिला l ऐसा क्यों ? 

जुगाडू जी बोले जानतें हैं क्यों ? क्योंकि कुछ रहेगा तब ना मिलेगा l अच्छा एगो बात बताईये l आपको अगर पानी की जरूरत होगी तो आप पानी कहाँ खोजियेगा ? रेगिस्तान में या मैदानी भू- भाग में l 

मैनें कहाँ मैदानी भू- भाग में l रेगिस्तान में पानी कहाँ मिलेगा ? वही मैं आपको बताना चाह रहा हूँ l

कि खोजाई स्विस बैंक में करवानी चाहिये l दिल्ली में शिक्षा मंत्री के घर पर नहीं l क्या समझे आप ? 

मैनें कहा वहाँ ( स्विस बैंक में ) कुछ मिलेगा ? 

जुगाडू जी मुस्कुराये और बोले , यही तो राजनीति है l  

About author 

Mahesh kumar Keshari

परिचय - 
नाम - महेश कुमार केशरी
जन्म -6 -11 -1982 ( बलिया, उ. प्र.) 
शिक्षा - 1-विकास में श्रमिक में प्रमाण पत्र (सी. एल. डी. , इग्नू से) 
2- इतिहास में स्नातक ( इग्नू से) 
3- दर्शन शास्त्र में स्नातक ( विनोबा भावे वि. वि. से) 

अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशन - सेतु आनलाईन पत्रिका (पिटसबर्ग अमेरिका से प्रकाशित) .

राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन- वागर्थ , पाखी , कथाक्रम, कथाबिंब , विभोम - स्वर , परिंदे , गाँव के लोग , हिमप्रस्थ , किस्सा , पुरवाई, अभिदेशक, , हस्ताक्षर , मुक्तांचल , शब्दिता , संकल्य , मुद्राराक्षस उवाच , पुष्पगंधा , 
अंतिम जन , प्राची , हरिगंधा, नेपथ्य, एक नई सुबह, एक और अंतरीप , दुनिया इन दिनों , रचना उत्सव, स्पर्श , सोच - विचार, व्यंग्य - यात्रा, समय-सुरभि- अनंत, ककसार, अभिनव प्रयास, सुखनवर , समकालीन स्पंदन, साहित्य समीर दस्तक, , विश्वगाथा, स्पंदन, अनिश, साहित्य सुषमा, प्रणाम- पर्यटन , हॉटलाइन, चाणक्य वार्ता, दलित दस्तक , सुगंध, 
नवनिकष, कविकुंभ, वीणा, यथावत , हिंदुस्तानी जबान, आलोकपर्व , साहित्य सरस्वती, युद्धरत आम आदमी , सरस्वती सुमन, संगिनी,समकालीन त्रिवेणी, मधुराक्षर, प्रेरणा अंशु , तेजस, दि - अंडरलाईन,शुभ तारिक , मुस्कान एक एहसास, सुबह की धूप, आत्मदृष्टि , हाशिये की आवाज, परिवर्तन , युवा सृजन, अक्षर वार्ता , सहचर , युवा -दृष्टि , संपर्क भाषा भारती , दृष्टिपात, नव साहित्य त्रिवेणी , नवकिरण , अरण्य वाणी, अमर उजाला, पंजाब केसरी , प्रभात खबर , राँची एक्स्प्रेस , दैनिक सवेरा , लोकमत समाचार , दैनिक जनवाणी , सच बेधड़क , डेली न्यूज़ एक्टिविस्ट , नेशनल एक्स्प्रेस, इंदौर समाचार , युग जागरण, शार्प- रिपोर्टर, प्रखर गूंज साहित्यनामा, कमेरी दुनिया, आश्वसत के अलावे अन्य पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित . 

 चयन - (1 )प्रतिलिपि कथा - प्रतियोगिता 2020 में टाॅप 10 में कहानी " गिरफ्त " का चयन  

(2 ) पच्छिम दिशा का लंबा इंतजार ( कविता संकलन )
जब जँगल नहीं बचेंगे ( कविता संकलन ), मुआवजा ( कहानी संकलन ) 

(3)संपादन - प्रभुदयाल बंजारे के कविता संकलन " उनका जुर्म " का संपादन..

(4)-( www.boltizindgi.com) वेबसाइट पर कविताओं का प्रकाशन

(5) शब्द संयोजन पत्रिका में कविता " पिता के हाथ की रेखाएँ "
 का हिंदी से नेपाली भाषा में अनुवाद सुमी लोहानी जी द्वारा और " शब्द संयोजन " पत्रिका में प्रकाशन आसार-2021 अंक में.

(6) चयन - साझा काव्य संकलन " इक्कीस अलबेले कवियों की कविताएँ " में इक्कीस कविताएँ चयनित

(7) श्री सुधीर शर्मा जी द्वारा संपादित " हम बीस " लघुकथाओं के साझा लघुकथा संकलन में तीन लघुकथाएँ प्रकाशित 

(8) सृजनलोक प्रकाशन के द्वारा प्रकाशित और संतोष श्रेयंस द्वारा संपादित साझा कविता संकलन " मेरे पिता" में कविता प्रकाशित 

(9) डेली मिलाप समाचार पत्र ( हैदराबाद से प्रकाशित) दीपावली प्रतियोगिता -2021 में " आओ मिलकर दीप जलायें " कविता पुरस्कृत

(10) शहर परिक्रमा - पत्रिका फरवरी 2022- लघुकथा प्रतियोगिता में लघुकथा - " रावण" को प्रथम पुरस्कार

(11) कथारंग - वार्षिकी -2022-23 में कहानी " अंतिम बार " 
प्रकाशित

(12)व्यंग्य वार्षिकी -2022 में व्यंग्य प्रकाशित 

(13) कुछ लघुकथाओं और व्यंग्य का पंजाबी , उड़िया भाषा में अनुवाद और प्रकाशन 

(14)17-07-2022 - वर्ल्ड पंजाबी टाइम्स चैनल द्वारा लिया गया साक्षात्कार 

(15) पुरस्कार - सम्मान - नव साहित्य त्रिवेणी के द्वारा - अंर्तराष्ट्रीय हिंदी दिवस सम्मान -2021

संप्रति - स्वतंत्र लेखन एवं व्यवसाय
संपर्क- श्री बालाजी स्पोर्ट्स सेंटर, मेघदूत मार्केट फुसरो, बोकारो झारखंड -829144

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