सारनाथ के शेर

 व्यंग्य

सारनाथ के शेर 

अशोक स्तंभ पर के बने शेर और संसद भवन पर के बने शेरों में अंतर है l संसद भवन पर का बने शेर अशोक स्तंभ पर के बने शेरों से ज्यादा आक्रामक हैं l ऐसा विपक्ष का आरोप है l आरोप बहुत हद तक सही भी है l 

एक शेर हमारे देश में भी है l जो देश को अपने बड़े -बड़े वाक् जाल में फँसाने की कला जानता है l और आये दिन तरह - तरह के वाक् जाल से लोगों को फँसाता भी है l विपक्ष के सितारों की चाल थोड़ी वक्र है l इसलिये अभी विपक्ष चूहा बना बैठा है l अब शेर है l तो हुँकारेगा भी l 

दहाड़ेगा का भी l कुछ दबंग किस्म के शेर (गीदड़) भी हैं l जिन्हें सत्ता का संरक्षण प्राप्त है l 

जिनके सिर पर सवा- शेरों का वरद हाथ भी है l 

हमारे यहाँ जो दबंग गीदड़ हैं l उनकी कहानी बहुत ही निराली है l और , खास बात ये है कि शासन चाहे जो भी रहा हो l ये गीदड़ सबसे साँठ- गाँठ बना लेतें हैं l वो कानून और व्यवस्था को अपनी जेब में लेकर चलते हैं l उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय को पनवाड़ी की दूकान और उनके आदेश को वो ताक पर रख देते हैं l अभी हाल की एक घटना है l एक पत्थर माफिया गीदड़ ने पुलिस के एक अधिकारी को ट्रैक्टर से कुचल दिया l इतिहास में ऐसा शायद पहली बार हुआ है कि बुलडोजर और ट्रैक्टर दोनों साथ - साथ चल रहें हैं l बुलडोजर राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को समाप्त करने के लिये 

और ट्रैक्टर समाज में पर्यावरण को बचाने की पहल करने वाले पुलिस अधिकारियों को कुचलने के लिये इस्तेमाल किया जा रहा है l इतनी बड़ी बात हो जाती है l और राज्य के मुखिया को पता नहीं है कि राज्य के अंदर अवैध माईनिंग हो रही है l राज्य के मुखिया जाँच की बात कहकर और परिजनों को मुआवजे की रकम देकर मामला शाँत करवा रहें हैं l राज्य के गृहमंत्री कह रहें हैं l कि राज्य में अवैध माईनिंग हो रही है l और उन्हे पता तक नहीं l जनता को समझाने और बरगलाने के लिये ये बात ठीक है l लेकिन , दाई से भला क्या पेट छुप सकता है ? क्या इतनी बड़ी अवैध माईनिंग सरकार को बिना उसका हिस्सा पहुँचाये संभव हो सकती है ? क्या चिराग तले ही अँधेरा नहीं है ? फिर , जाँच किस चीज की होगी l कौन - किसको रिपोर्ट करेगा l इसकी सुनवाई कहाँ होगी ? पुलिस के लोगों को या उनके ऊपर के लोगों को उनका हिस्सा नहीं पहुँचाया जाता होगा ? जब ऊपर से नीचे तक सब लोग चाट - पोंछकर सब-कुछ डकार जाना चाहते हैं l तब गम किसका करते हैं l क्यों जाँच कमीशन बिठाये जाते हैं l केवल खाना पूर्ति के लिये नहीं तो और किसलिये ? सबको पता है कि अगर सरकार चाह ले तो ये खनन माफिया एक दिन भी ना टिकेंगें l सबसे बड़ी बात की जिनके ऊपर हमला हुआ या जिनकी जान गई है l उस महकमें के लोग भी इस बँदर-बाँट में शामिल हैं l

सरकार अगर अपना संरक्षण इन गीदड़ों ( भू- माफियाओं ) को ना दे तो हमारे पुलिस वाले भी शेर हो सकते हैं l

About author 

Mahesh kumar Keshari

परिचय - 
नाम - महेश कुमार केशरी
जन्म -6 -11 -1982 ( बलिया, उ. प्र.) 
शिक्षा - 1-विकास में श्रमिक में प्रमाण पत्र (सी. एल. डी. , इग्नू से) 
2- इतिहास में स्नातक ( इग्नू से) 
3- दर्शन शास्त्र में स्नातक ( विनोबा भावे वि. वि. से) 

अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशन - सेतु आनलाईन पत्रिका (पिटसबर्ग अमेरिका से प्रकाशित) .

राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन- वागर्थ , पाखी , कथाक्रम, कथाबिंब , विभोम - स्वर , परिंदे , गाँव के लोग , हिमप्रस्थ , किस्सा , पुरवाई, अभिदेशक, , हस्ताक्षर , मुक्तांचल , शब्दिता , संकल्य , मुद्राराक्षस उवाच , पुष्पगंधा , 
अंतिम जन , प्राची , हरिगंधा, नेपथ्य, एक नई सुबह, एक और अंतरीप , दुनिया इन दिनों , रचना उत्सव, स्पर्श , सोच - विचार, व्यंग्य - यात्रा, समय-सुरभि- अनंत, ककसार, अभिनव प्रयास, सुखनवर , समकालीन स्पंदन, साहित्य समीर दस्तक, , विश्वगाथा, स्पंदन, अनिश, साहित्य सुषमा, प्रणाम- पर्यटन , हॉटलाइन, चाणक्य वार्ता, दलित दस्तक , सुगंध, 
नवनिकष, कविकुंभ, वीणा, यथावत , हिंदुस्तानी जबान, आलोकपर्व , साहित्य सरस्वती, युद्धरत आम आदमी , सरस्वती सुमन, संगिनी,समकालीन त्रिवेणी, मधुराक्षर, प्रेरणा अंशु , तेजस, दि - अंडरलाईन,शुभ तारिक , मुस्कान एक एहसास, सुबह की धूप, आत्मदृष्टि , हाशिये की आवाज, परिवर्तन , युवा सृजन, अक्षर वार्ता , सहचर , युवा -दृष्टि , संपर्क भाषा भारती , दृष्टिपात, नव साहित्य त्रिवेणी , नवकिरण , अरण्य वाणी, अमर उजाला, पंजाब केसरी , प्रभात खबर , राँची एक्स्प्रेस , दैनिक सवेरा , लोकमत समाचार , दैनिक जनवाणी , सच बेधड़क , डेली न्यूज़ एक्टिविस्ट , नेशनल एक्स्प्रेस, इंदौर समाचार , युग जागरण, शार्प- रिपोर्टर, प्रखर गूंज साहित्यनामा, कमेरी दुनिया, आश्वसत के अलावे अन्य पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित . 

 चयन - (1 )प्रतिलिपि कथा - प्रतियोगिता 2020 में टाॅप 10 में कहानी " गिरफ्त " का चयन  

(2 ) पच्छिम दिशा का लंबा इंतजार ( कविता संकलन )
जब जँगल नहीं बचेंगे ( कविता संकलन ), मुआवजा ( कहानी संकलन ) 

(3)संपादन - प्रभुदयाल बंजारे के कविता संकलन " उनका जुर्म " का संपादन..

(4)-( www.boltizindgi.com) वेबसाइट पर कविताओं का प्रकाशन

(5) शब्द संयोजन पत्रिका में कविता " पिता के हाथ की रेखाएँ "
 का हिंदी से नेपाली भाषा में अनुवाद सुमी लोहानी जी द्वारा और " शब्द संयोजन " पत्रिका में प्रकाशन आसार-2021 अंक में.

(6) चयन - साझा काव्य संकलन " इक्कीस अलबेले कवियों की कविताएँ " में इक्कीस कविताएँ चयनित

(7) श्री सुधीर शर्मा जी द्वारा संपादित " हम बीस " लघुकथाओं के साझा लघुकथा संकलन में तीन लघुकथाएँ प्रकाशित 

(8) सृजनलोक प्रकाशन के द्वारा प्रकाशित और संतोष श्रेयंस द्वारा संपादित साझा कविता संकलन " मेरे पिता" में कविता प्रकाशित 

(9) डेली मिलाप समाचार पत्र ( हैदराबाद से प्रकाशित) दीपावली प्रतियोगिता -2021 में " आओ मिलकर दीप जलायें " कविता पुरस्कृत

(10) शहर परिक्रमा - पत्रिका फरवरी 2022- लघुकथा प्रतियोगिता में लघुकथा - " रावण" को प्रथम पुरस्कार

(11) कथारंग - वार्षिकी -2022-23 में कहानी " अंतिम बार " 
प्रकाशित

(12)व्यंग्य वार्षिकी -2022 में व्यंग्य प्रकाशित 

(13) कुछ लघुकथाओं और व्यंग्य का पंजाबी , उड़िया भाषा में अनुवाद और प्रकाशन 

(14)17-07-2022 - वर्ल्ड पंजाबी टाइम्स चैनल द्वारा लिया गया साक्षात्कार 

(15) पुरस्कार - सम्मान - नव साहित्य त्रिवेणी के द्वारा - अंर्तराष्ट्रीय हिंदी दिवस सम्मान -2021

संप्रति - स्वतंत्र लेखन एवं व्यवसाय
संपर्क- श्री बालाजी स्पोर्ट्स सेंटर, मेघदूत मार्केट फुसरो, बोकारो झारखंड -829144

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