स्व विचार जीवन का मकसद

 स्व विचार
जीवन का मकसद

सुधीर श्रीवास्तव
सुधीर श्रीवास्तव

         यूं तो जीवन का कुछ न कुछ मकसद हर किसी का होता है। जिसमें अधिकांशतः उसके या उसके अपनों का स्वार्थ किसी न किसी रूप में छिपा होता है।

          मगर वास्तव में जीवन का मकसद सर्वहितकारी, सर्वकल्याणकारी हो तो सबसे बेहतर है। जरुरी नहीं कि आप धनाढ्य,साधन संपन्न ही हों। जरुरी है हमारे, आपके स्पष्ट विचारों की, चिंतन की। किसी की छोटी से छोटी सहायता, सहयोग और संबल भी हम अपने जीवन का उद्देश्य बना लें, किसी एक चेहरे पर एक पल के लिए भी मुस्कान लाने में सफल हों सकें।यही जीवन का मकसद होना चाहिए।

            हमें लगता है कि हम समाज, राष्ट्र के लिए कुछ नहीं कर सकते, क्योंकि हम सुविधा विहीन हैं। मगर मेरा विचार है कि हम अपने जीवन का कोई मकसद नहीं बना पा रहे हैं। क्योंकि हमारी नियति अस्पष्ट और पीठ दिखाने की है। वरना इस शरीर से बड़ा धन और क्या है?

             एक बार हौसला कीजिए, जीवन का मकसद तय कीजिए और फिर देखिए कि अब तक जीवन में छोटे से छोटा कार्य भले ही समाज, राष्ट्र के लिए भले न किया हो, पर आज आपके जीवन का मकसद जरुर पूरा होगा।

            बस रक्तदान, नेत्रदान, अंगदान, देहदान का संकल्प भर कीजिए। निश्चित मानिए आपका ये मकसद न केवल किसी की जान बचायेगा, बल्कि किसी की अंधेरी दुनिया में उजाला भी लायेगा। शोध के नये नये आयाम स्थापित करने और भविष्य के लिए अनेकों बीमारियों के इलाज, नई खोज में सहायक होगा और आपका जीवन सफल हो जायेगा। यही नहीं इस जहान से विदा होकर भी आप जीवित रह सकेंगे।

           जरुरत है कि हमारे जीवन का उद्देश्य स्पष्ट और व्यापक हितार्थ के परिप्रेक्ष्य में हो,जो औरों के लिए नजीर बन सके। तभी जीवन के मकसद की सार्थकता है। 


सुधीर श्रीवास्तव

गोण्डा उत्तर प्रदेश

८११५२८५९२१

© मौलिक, स्वरचित

०१.०५.२०२२

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