संपूर्ण निष्ठा!

 संपूर्ण निष्ठा!

डॉ. माध्वी बोरसे!

बुरा वक्त दर्द दे जाता है,

अच्छे वक्त की उम्मीद भी लाता है,

दोनों का एहसास भी जरूरी है दोस्तों,

यही हमें जीवन में मजबूत बनाता है!


डर ना जाना कांटों को देखकर राहों में,

सिमट ना जाना कमजोरी के बाहों में,

खूबसूरत फूलों में कांटे तो होते ही हैं,

हम सब हैं परम शक्ति की पनाहों में!


जीवन का हर पल सपने की तरह बहा जा रहा,

देखे हमारा हर वक्त कहां जा रहा,

मुस्कुराइए या टूट जाए यह दो रास्ते हैं,

जीवन से हाथ मिला कर इसके साथ चले यह जहां जा रहा!


इस प्रकृति के हर चीज का एहसास करें,

हो जाते हैं बंदिशों से परे,

आजादी और खुशियों के साथ जिंदगी को जीते हैं,

पर साथ में इंसानियत के कार्य जरूर करें!!

विकासवादी लेखिका,

डॉ. माध्वी बोरसे!

(स्वरचित व मौलिक रचना)

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