विश्व बौद्धिक संपदा दिवस 2022 वर्चुअल मनाया गया

विश्व बौद्धिक संपदा दिवस 2022 वर्चुअल मनाया गया

एड किशन भावनानी
भारत का बौद्धिक संपदा में हर साल बेहतर प्रदर्शन हो रहा है - भारतीय बौद्धिक संपदा की उच्चस्तरीय वैश्विक प्रतिष्ठा

भारत में तेज़ी से उभरते नवोन्मेष, नवाचार, अविष्कारों की गाथा - भारतीय मानव बुद्धि का वैश्विक स्तरपर गुणगान - एड किशन भावनानी

गोंदिया - वैश्विक स्तरपर 26 अप्रैल 2022 को विश्व बौद्धिक संपदा (आईपी) दिवस मनाया गया इस वर्ष की थीम बौद्धिक संपदा और युवा - बेहतर भविष्य के लिए नवाचार थी। इस वर्ष कोरोनावायरस महामारी के कारण, सुरक्षित रहना आवश्यक है, इसलिए विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) ने किसी भी भौतिक आयोजन का आयोजन नहीं किया था, और विश्व आईपी दिवस के समुदाय को आभासी चैनलों के माध्यम से मनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। यह दिन लोगों को यह बताने के लिए मनाया जाता है कि कैसे बौद्धिक संपदा (आईपी)अधिकार नवाचार और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करते हैं। विश्व आईपी दिवस नवाचार डालता है और हरित भविष्य बनाने के प्रयासों का समर्थन करता है। यह हमारी धरती को हमारे घर की देखभाल करने की आवश्यकता पर बल देता है।
साथियों इस वर्ष विश्व बौद्धिक संपदा दिवस 2022 युवाओं के लिए यह पता लगाने का अवसर है कि कैसे बौद्धिक संपदा (आईपी) अधिकार उनके लक्ष्यों को हासिल करने में मदद कर सकते हैं, उनके विचारों को वास्तविकता में बदलनेमें सहायता कर सकते हैं, आय उत्पन्न कर सकते हैं, रोजगार पैदा कर सकते हैं और अपने आसपासकी दुनिया पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। इसके प्रकारों में कॉपीराइट, पेटेंट, ट्रेडमार्क, औद्योगिक डिजाइन, भौगोलिक संकेत, व्यापक रहस्य यह जानकारों पर आईपी अधिकार है जिन्हें बेचा या जिनका लाइसेंस प्राप्त किया जा सकता है।
साथियों विश्व बौद्धिक संपदा दिवस 2022 युवाओं के लिए यह पता लगाने का अवसर है कि कैसे बौद्धिक संपदा (आईपी) अधिकार उनके लक्ष्यों को हासिल करने में मदद कर सकते हैं, उनके विचारों को वास्तविकता में बदलने में सहायता कर सकते हैं, आय उत्पन्न कर सकते हैं, रोजगार पैदा कर सकते हैं और अपने आसपास की दुनिया पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
साथियों बात अगर हम विश्व बौद्धिक संपदा दिवस 2022 को मनाने की करें तो भारतमें भी कोरोना महामारी की अभी चौथी लहर दस्तक दे रही इसलिए प्रत्यक्ष रूप से कोई उत्साह और आयोजन नहीं हुआ बल्कि महामारी के सुरक्षात्मक उपायों व्यवस्था व अन्य बारेमें दिनांक 27अप्रैल 2022 को पीएम द्वारा भी सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की वर्चुअल मीटिंग ली गई वह अनेक मुद्दों पर चर्चा हुई।
साथियों इस दिवस को वैसे हम भव्यता से मनाते हैं। हर साल विश्व बौद्धिक संपदा दिवस को बढ़ावा देने के लिए, डब्ल्यूआईपीओ सरकारी, गैर-सरकारी संगठनों,सामुदायिक समूहों और व्यक्तियों की कई एजेंसियों के साथ मिलकर कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन करता है। स्टेज कॉन्सर्ट या विभिन्न सार्वजनिक प्रदर्शन विश्व आईपी दिवस थीम पर केंद्रित हैं। विश्व आईपी दिवस की थीम पर युवाओं के लिए निबंध प्रतियोगिताएं। आईपी और इसके लाभों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए कई विश्वविद्यालयों में सेमिनार या मुफ्त व्याख्यान प्रदान किए जाते हैं। नवाचार और बौद्धिक संपदा के बीच की कड़ी को समझाने के लिए विश्व आईपी दिवस पर संग्रहालयों, कला दीर्घाओं, स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में विभिन्न प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाता है। 26 अप्रैल कुछ स्थानीय बौद्धिक और कॉपीराइट कार्यालय विश्व आईपी दिवस को बढ़ावा देने के लिए खुले रहे। लेकिन कोविड-19 के कारण, इस वर्ष उत्सव डब्ल्यूआईपीओ किसी भी उत्सव का आयोजन नहीं किया है। प्रत्यश उत्सव नहीं हुआ, सुरक्षित रहना और उचित सावधानी बरतना आवश्यक है।
साथियों बात अगर हम इस दिवस को मनाने के उद्देश्यों की करें तो, इस आयोजन की स्थापना इस पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क और डिजाइन दैनिक जीवन पर कैसे प्रभाव डालते हैं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए की गई थी। रचनात्मकता का जश्न मनाने के लिए, और विकास के लिए रचनाकारों औरनवप्रवर्तनकर्ताओं द्वारा किए गए योगदान का जश्न मनाने के लिए की गई थीं।
बौद्धिक संपदा संरक्षण के बारे में जागरूकता को और बढ़ावा देने के लिए, दुनिया भर में बौद्धिक संपदा संरक्षण के प्रभाव का विस्तार करने के लिए, देशों से बौद्धिक संपदा संरक्षण कानूनों और विनियमों को प्रचारित करने और लोकप्रिय बनाने के लिए, बौद्धिक संपदा अधिकारों के बारे में सार्वजनिक कानूनीजागरूकता बढ़ाने, आविष्कार नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न देशों में गतिविधियों और बौद्धिक संपदा क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय विनिमय को मजबूत करना प्रमुख उद्देश्य है।
साथियों बात अगर हम इस वर्ष 2022 की थीम, आईपी और युवा - बेहतर भविष्य के लिए नवाचार की करेंतो विश्व बौद्धिक संपदा 2022 नए और बेहतर समाधान खोजने के लिए युवाओं की विशाल क्षमता को पहचानती है जो एक स्थायी भविष्य के लिए संक्रमण का समर्थन करते हैं। दुनिया भर में, युवा अपनी ऊर्जा और सरलता, जिज्ञासा और रचनात्मकता का उपयोग करके बेहतर भविष्य की दिशा में आगे बढ़ने के लिए नवाचार चुनौतियों की ओर बढ़ रहे हैं। ऊर्जावान और रचनात्मक दिमाग उन परिवर्तनों को आगे बढ़ाने में मदद कर रहे हैं, जिनकी हमें स्थायी भविष्य में आवश्यकता है। आज के युवासरलता और रचनात्मकता के स्रोत हैं। उनके नई सोच, नया नजरिया, ऊर्जा, जिज्ञासा और हम सब कर सकते हैं। यह विश्वास, बेहतर भविष्य के लिए उनकी भूख से हम सब परिचित हैं।
साथियों बात अगर हम युवाओं की करें तो आज के युवा कल के भविष्य हैं, निर्माता और उद्यमी हैं, अपनी कुशल बौद्धिक क्षमता के बल पर रचनात्मकता और सरलता से सभी क्षेत्रों में बदलाव ला सकते हैं!! बेहतर भविष्य का मार्ग तैयार कर रहे हैं जो हमें हमारे लक्षित कई विज़न जैसे विज़न 2047, विजन 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था, विज़न नया भारत ने लक्ष्यों को शीघ्र पूरा करने में महत्वपूर्ण रोल अदा करेंगे।
साथियों बात अगर हम ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स रैंकिंग में भारत के बेहतर प्रदर्शन की करें तो, विश्व बौद्धिक संपदा संगठन हर साल के प्रदर्शन के आधार पर ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स रैंकिंग पर रिपोर्ट बनाता है। ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2021 रैंकिंग में भारत 2 स्थान चढ़ गया है और विश्व बौद्धिक संपदा संगठन द्वारा 46 वें स्थान पर है। भारत पिछले कई वर्षों में ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (जीआईआई) रैंक से बढ़ रहा है। 2015 में 81 से 2021 में 46 पर आया हैं जो भारत के लिए गर्व की बात है
साथियों बात अगर हम विश्व बौद्धिक संपदा दिवस के इतिहास की करें तो, विश्व बौद्धिक संपदा संगठन, संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की 15 विशेष एजेंसियों में से एक है। भारत भी विश्व बौद्धिक संपदा संगठन का सदस्य है। विश्व बौद्धिक संपदा संगठन की स्थापना 14 जुलाई 1967 को हुई थी, इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में है। 26 अप्रैल को उस दिन के रूप में चुना गया था, जिस दिन विश्व बौद्धिक संपदा संगठन की स्थापना कन्वेंशन 1970 में लागू हुई थी।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि विश्व बौद्धिक संपदा दिवस 2022 वर्चुअल मनाया गया। भारत का बौद्धिक संपदा में हर साल बेहतर प्रदर्शन हो रहा है।भारतीयबौद्धिक क्षमता की उच्चस्तरीय वैश्विक प्रतिष्ठा है। भारत में तेजी से उभरते नवोन्मेष, नवाचार, अविष्कारों की गाथा!! भारतीय मानव बुद्धि का वैश्विक स्तरपर गुणगान जारी है।

-संकलनकर्ता लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र


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