स्वतंत्रता दिवस की 75 वीं अमृत जयंती महोत्सव के उपलक्ष्य में कविता
स्वतंत्रता दिवस की अमृत जयंती
स्वतंत्रता दिवस की अमृत जयंती
मना रहे हैं हम नागरिक सारे
75 वर्ष हो गए आजादी को
फिर भी प्रश्न शेष रह गए थे अधूरे
हिम्मत जज्बा हैं काम करने का तो
मिल जाते हैं प्रश्नों के उत्तर पूरे
हर कदम पर विरोध रहकर भी
सफलता के पथ करने होते हैं पूरे
हर भारतीय को मिलेंगे उत्तर तब
जब मिशनआत्मनिर्भरता के स्वप्न होंगे पूरे
फिर उगलेगी हमारे देश की धरती
सोना चांदी मोती हीरे, सोना चांदी मोती हीरे
लेखक-कर विशेषज्ञ, साहित्यकार, स्तंभकार कानूनी लेखक, चिंतक, कवि, एडवोकेट किशन सन्मुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
Comments
Post a Comment
boltizindagi@gmail.com