नया बदलाव लाए!
सिर्फ शोर ना मचाए,
चलो नया बदलाव लाए,
इस बेशकीमती जीवन में,
कुछ कमाल करके दिखाएं!
बदलाव एक बेहतरीन अवसर,
दुनिया को देखने की नई नजर,
बिना बदलाव के असंभव है,
जीवन में ऊंचाई के शिखर!.
चलो शोभिनीय दुनिया बनाएं,
इंसानियत का पाठ समझाएं,
छोड़ें भेदभाव एवं असमानता,
खुल के पवित्र ह्रदय से मुस्कुराए!
कमजोर व्यक्ति बदलाव से जाता है डर,
प्रकृति हर पल परिवर्तन रही है कर,
जिंदगी, सोच, स्वयं में लाए बदलाव,
हम भी प्रकृति की तरह हो जाए निडर!!
डॉ. माध्वी बोरसे!
(स्वरचित व मौलिक रचना)
राजस्थान (रावतभाटा)
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