कविता आज़ाद

 आजाद!

कविता आज़ाद

आजाद विचार, आजाद ख्याल,

आजादी से जी ले हर एक साल,

आजाद सी दुनिया, आजाद सी ढाल,

आजाद हो जाए, तोड़े सारे जाल!


पहने कपड़े मनपसंद के, रंग हो चाहे पिला या लाल,

दूसरों को छोड़े, स्वयं के देखें, कैसे हैं हमारे, चलन और चाल,

स्वस्थ रहे,हंसते रहे, आजाद रहे,

कैसे भी हो हाल,

अपने आजाद दिमाग में, छोटी सोच को कभी ना पाल!


आजाद का मतलब यह नहीं, कि किसी और को बंधन में डाल,

कर तू जो फैशन, बना चाहे कैसे भी बाल,

साड़ी,धोती, कुर्ता, पैंट,शर्ट, जिसमें जो चाहे वह वस्त्र तू डाल,!


कर जा तू कुछ ऐसा कमाल,

अंतिम समय में ना रहे कोई मलाल,

चाहे कैसा भी आए काल,

आत्मनिर्भरता से खुद को संभाल!


समय की धुन पर, मिलाते जा अपनी मेहनत की हर एक ताल,

आज ही करना है जो कर ले, कल पर कोई बात ना टाल,

आजाद विचार, आजाद ख्याल,

आजादी से जी ले हर एक साल,

आजाद सी दुनिया, आजाद सी ढाल,

आजाद हो जाए, तोड़े सारे जाल!


डॉ माध्वी बोरसे!

लेखिका !

(रावतभाटा) राजस्थान!

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