"मेहनत की मिसाल अख्तर आमिर"
मेहनत की मिसाल IAS अधिकारी अख्तर आमिर खान वर्तमान समय में श्रीनगर में पोस्टेड हैं। 2015 में यूपीएससी एग्जाम में ऑल इंडिया में दूसरी रैंक हासिल करने वाले अतहर आमिर यूट्यूब पर भी काफी पॉपुलर हैं। उनके कई वीडियोज़ को लाखों लोग देखते है और पसंद करते है।
जहाँ आजकल के कुछ लड़के अपने लक्ष्य से भटक कर धर्म-अधर्म और जात-पात के नाम पर देश को जलाने और तोड़ने की गतिविधियों में व्यस्त है, वहाँ ये बंदा अपने बलबुते पर कहाँ से कहाँ पहुँच गया। हर लड़के को अतहर आमिर को अपना आइडल समझकर प्रेरित होना चाहिए। ज़िंदगी में कुछ बनना है तो अकथ्य मेहनत और लगन से अपने लक्ष्य को पाने के लिए दिन रात लगे रहना चाहिए। एक यूट्यूब वीडियो में अतहर ने UPSC एग्जाम को लेकर टिप्स देते हुए अपनी ज़िंदगी का सफ़र भी बयां किया है। वह कहते हैं कि सबसे पहले हमें बड़ा सोचना चाहिए। हमेशा बड़े सपने देखने चाहिए, सपनों के लिए दायरे नहीं बनाने चाहिए, हमेशा मन में ये सोच रखनी चाहिए कि हम कोई भी काम क्यों नहीं कर सकते, भले ही वो काम कितना ही बड़ा क्यों ना हो।असफलता जिंदगी का एक हिस्सा है, पूरी जिंदगी नहीं है। जिंदगी में चुनौतियां और कठिनाइयां आएगी लेकिन हमें उनसे लड़ते हुए अपनी मंजिल हासिल करनी है। कभी असफलता से निराश या घबराना नहीं है, बल्कि उससे प्रेरणा लेकर दोगुनी ताकत से मेहनत करते गोल अचीव करना है।
साथ ही वह कहते है लक्ष्य को हासिल करने के लिए जुनून पैदा करना होगा, बिना जुनून के मंजिल मिलना मुश्किल है। सक्सेस का कोई शॉर्टकट नहीं है. इसके लिए हार्ड वर्क और टैलेंट जरूरी है। अतहर आमिर खान जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले से है बचपन में कभी डॉक्टर तो कभी साइंटिस्ट बनने के बारे में सोचता थे लेकिन कॉलेज तक आते-आते उनके सर पर आईएएस बनने का जुनून सवार हुआ। उनके दादा जी पढ़े-लिखे नहीं थे, लेकिन उन्हें अतहर आमिर की पढ़ाई की बहुत चिंता थी। वह अक्सर अतहर के स्कूल में जाकर टीचर से उनकी पढ़ाई के बारे में पूछा करते थे। वह टीचर से पूछते थे कि कहीं अतहर स्कूल बंक तो नहीं कर रहा। कॉलेज खत्म होने से पहले ही अतहर ने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी।
जब वह हिमाचल में पढ़ाई करते थे, तो यूपीएससी की तैयारी के लिए हर हफ्ते बस से मंडी से दिल्ली आते थे। क्लास करते, टेस्ट देते और वापस लौट जाते। जब कश्मीर में हालात खराब थे तब मुश्किल हालातों में भी उन्होंने पढ़ाई नहीं छोड़ी, जबकि उनके कई दोस्तों ने स्कूल जाना छोड़ दिया था।
UPSC Exam के पहले अटेम्प्ट में उन्हें 571 रैंक हासिल हुई। लेकिन आईएएस बनने का सपना पूरा करने के लिए उन्होंने फिर से ज़ोरदार तैयारियां शुरू की और एग्जाम दी 2015 में उन्होंने ऑल इंडिया में दूसरी रैंक हासिल की थी। अतहर यूपीएससी से पहले IIT मंडी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। अभी श्रीनगर में पोस्टेड हैं। साथ में श्रीनगर नगर निगम के कमीश्नर और श्रीनगर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सीईओ भी हैं। आईएएस अतहर आमिर खान अपने शानदार काम के लिए कई अवार्ड्स भी जीत चुके है। हाल ही में हुए स्मार्ट सिटी अवार्ड 2022 इवेंट के दौरान उनके नेतृत्व वाली श्रीनगर स्मार्ट सिटी को बेस्ट सिटी लीडर ऑफ द ईयर का अवार्ड मिला, तो इससे पहले सोशल सर्विस से जुड़े काम के लिए साल 2020 में IIT मंडी की तरफ से उन्हें यंग एचिवर्स अवार्ड 2022 से नवाजा गया था भीलवाड़ा डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने लोक सभा चुनाव के सफल आयोजन के लिए भी उन्हें अवार्ड दिया था।
अतहर आमिर की कहानी से एक निष्कर्ष निकलता है की इंसान अगर पाना चाहे तो दुनिया में कुछ भी नामुमकिन नहीं। बेशक कुछ पाने के लिए बहुत कुछ खोना भी पड़ता है। पर युवाओं को एक बात समझ लेनी चाहिए की जवानी के चंद साल अमन-चमन में बिता दिए तो सारी ज़िंदगी खराब हो जाएगी, पर जवानी के महज़ चंद साल मेहनत कर लेंगे तो पूरी ज़िंदगी आराम से बिना टेंशन कटेगी।
भावना ठाकर 'भावु' बेंगलोर
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