रंगबिरंगा त्यौहार!
रंगो का त्योहर हे होली,
खुशियों से भरदे सबकी झोली,
पकवान या मिठाई के जेसे,
मीठी हो जाए सब की बोली।
सभी रंगो के रास में खेली,
राधा कृष्ण की प्रेम पहेली,
रंगबिरंगे पानी के साथ,
गुलाल, पिचकारी से जाति है खेली।
गीत, नाच और बहुत सारी मस्ती,
खेलें होली हर छोटी बड़ी हस्ती,
आओ बनाएं होली को और रंगभरा,
हर घर में शुभकामनाएं बरसती।
तो, बजा के ढोलक और मृदंग,
होली में भरदे परम उमंग,
खेले होली सबके संग,
जिंदगी में लाए नई तरंग,
जीवन में भर दे सारे रंग !!
डॉ. माध्वी बोरसे!
(स्वरचित व मौलिक रचना)
राजस्थान (रावतभाटा)
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