तुम कहानी और कविता हो
तुम पर मैंने
कई कहानीयां और कविता लिखी।
पर ,
फिर भी
तुम्हें पूरा नहीं लिख पाया।
कहानी और कविता
मेरा विचार ही नहीं ,
मेरी संतुष्टी भी है।
और
लिखना तो मैं
तुमसे आगे भी चाहता हूं।
पर लिख नहीं पाता हूं
बस,
थम जाता हूं
तुमसे बातें करने की खातिर,
तुम पर ।
सतीश सम्यक
राजस्थान
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