शीत लहर
है बड़ी शबाब पर
हाड़ कंपाने वाली
अमीरों की कुछ न
है बिगाड़ने वाली
गरीबों की झोपड़ी
में सनसनी फैलाने
धाक जमाने वाली
आहत करने आती
मर्माहत करने वाली
डर को डराने वाली
शायद सुकून इन्हें भी
मिलती सताने में और
रौब दिखाने में क्योंकी
मजबूत व्यवस्था नहीं
इन गरीबन के पास में
मगर फौलादी तन ही
काफी है टकराने के लिए
पछुआ हवा सनसनाती
इठलाती चक्कर काट रही
तमाशबीन बनाने के लिए।
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