संगीत-डॉ. माध्वी बोरसे!

संगीत!

संगीत-डॉ. माध्वी बोरसे!
एक मधुर सी ध्वनि जब कानों में गुनगुनाती,
मन को प्रसन्नता से भर जाती,
योग की तरह होता है संगीत,
हर एक को है इस से प्रीत!

हमारी ध्यानशक्ति को बढ़ाएं,
शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ बनाए,
हर एक के जीवन में प्रमुख भूमिका निभाए,
इसकी ताल पर सभी को नचांए!

सकारात्मक विचार को जगाता,
एकाग्रता को पूर्ण रूप से बढ़ाता,
यात्रा और त्यौहार पर इसे हर कोई चलाता,
शांति, प्रेम और साहस को जीवन में लाता!

संगीत से एक नई उमंग प्रकट होती ,
कभी-कभी यह प्रकृति को भी मंत्रमुग्ध कर देती,
सुव्यवस्थित ध्वनि, जो रस की सृष्टि करे, संगीत कहलाती,
एक नया सा अंदाज हृदय में जगाती!!

डॉ. माध्वी बोरसे!
( स्वरचित व मौलिक रचना)
राजस्थान (रावतभाटा)


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