जिस पर हमे नाज हैं वो हैं हरनाज
गुरदासपुर के छोटे से गांव में जन्मी हरनाज़ संधू जैसे ही मिस यूनिवर्स( विश्व सुंदरी)बनी सब जगह संधू संधू ही छाई हुई हैं।सौंदर्य और बुद्धि मत्ता की धनी पूरी दुनियां में छा गई हैं।आज २१ सालों के बाद भारत को इस खिताब उसिकी वजह से लाने का सदभाग्य मिला हैं।अब जब ये नायब कामयाबी पाई हैं तो सभी को हरनाज़ के बारे में जानने की उत्सुकता होना स्वाभाविक बात हैं।
गुरदासपुर के कोहाली में सिख परिवार में जन्मी हरनाज़ का परिवार किसानी से जुड़ा हुआ हैं।उसकी माता चंडीगढ़ की सरकारी अस्पताल में गायनेकोलॉजिस्ट हैं जिन्हाे ने अपनी बेटी को बचपन से ही फिटनेस का खयाल रखने का पाठ पढ़ाया था।वह फैशन को लेके भी काफी गंभीर थी।किसान की बेटी के लिए ये सब करना थोड़ा मुश्किल तो था ही फिर भी वह कॉलेज में मॉडलिंग आदि में हिस्सा लेती थी तब गांव वाले और सहपाठी उसके दुबलेपन को लेके फब्तियां कसते थे। इससे वह मानसिक तनाव में भी रहने लगी थी किंतु परिवार वालों ने बहुत साथ दिया उसे।और उसे किसी की फब्ती को मन पर नहीं ले अपनी पढ़ाई के अलावा मॉडलिंग आदि में ध्यान लगाया।इससे पहले भी कई अवार्ड मॉडलिंग में भी जीते हैं लेकिन पढ़ाई पर इसका कोई असर नहीं आने दिया।स्कूल से लेकर कॉलेज तक उसने कभी कोई कोचिंग नहीं ली और न ही कभी अपने लक्ष्य को पाने के लिए पढ़ाई का हर्जा होने दिया।
२०१७ में एक स्टेज शो में पहली परफॉर्मेंस दी और मशहूर हो गई फिर कभी मुड़के नहीं देखा।और फिर टीन एज में ही ब्यूटी पेजेंट में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था।
हरनाज़ फिटनेस और योग के अलावा,घुड़सवारी,तैराकी,एक्टिंग,डांसिंग,और घूमने की भी शौकीन हैं।उसे फिल्मों में भी काम करने का शौक हैं।फिलहाल उसके पास दो पंजाबी फिल्मों में काम करने का ऑफर हैं।
साक्षात्कार राउंड में उसे पूछे गए सवाल के जवाब ने भी इस ताज को जितने में मदद की हैं।जब पूछा गया कि आज की युवा महिलाएं दबाव में जीती हैं उन्हे वह क्या सलाह देगी।तो जवाब में संधू ने कहा कि आज की महिलाएं जो दबाव (प्रेशर)में जीती हैं उसकी एक ही वजह हैं,अपने आप पर भरोसा रख,अपने को यूनिक समझ ने से विश्वास और सुंदरता मिलतें हैं,दूसरों से अपनी तुलना करने से दूर रहना चाहिए। दुनियां में सबसे महत्व की बातों की चर्चाएं होती हैं उसकी बात करें।अपने लिए आवाज उठाएं।
ऐसी सुंदर और गुणी हैं ये विश्वसुंदरी आज देश का मन पूरी दुनियां में बढ़ा रही हैं।
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