हार कविता -डॉ. माध्वी बोरसे!

हार!

हार कविता -डॉ. माध्वी बोरसे!
बेहतर होने का अनुभव देती हैं,
यह तो सीरीफ एक परिस्थिति है,
सफलता का सबसे बड़ा रास्ता होती है,
कुछ देर की अतिथि है!

यह विजय होने का मजा देती है,
संभलने का जुनून सिखाती है,
जीत की दहाड़ होती है,
जीवन में सबसे बड़ी चुनौती है!

इसे भी सहना, सीखना है जरूरी,
क्योंकि जीत की होती है, थोड़ी सी दूरी,
इससे हो जाता है, हमारा दिन थोड़ा बुरा,
पर इसके बिना जीतने का, एहसास है अधूरा!

कोई बड़े से बड़ा वार करें,
अगर बार-बार हमें हार मिले,
और जीतने की कोशिश दमदार रहे,
तो जान लो, जीत उसी के बाद शानदार है!!

डॉ. माध्वी बोरसे!
स्वरचित व मौलिक रचना
राजस्थान (रावतभाटा)!

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