उड़ी रे पतंग*
उड़ी उड़ी रे पतंग मेरी उड़ी रे।
लेके भावनाओं के साथ उड़ी रे।
भर के उमंगो संग रंगीन कल्पनाये।
उड़ी रे बादलों के पास देखो उड़ी रे ।
भरी है आशायें और मजबूत इसकी डोर।
उड़ी उड़ी रे पतंग मेरी उड़ी रे ।
हिम्मतो की उड़ान का है जोता है बंधा।
देखो उड़ी रे पतंग होके बादलों के पार।
चाँद सितारों की चमक से चमकती है।
उड़ी उड़ी रे पतंग मेरी उड़ी रे ।
हवाओं के संग संग बहे रे।
ऊँची उड़ान और आसमान को छू रही।
मीठी मीठी है छुअन देखो उड़ी रे ।
उड़ी उड़ी रे पतंग मेरी उड़ी रे ।
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