किस्से मोहब्बत के
किस्से मोहब्बत के किसको सुनाएं,
सब यहां कहानीकार बने है।
लिख दूं गजल मैं, गर किताबों पे,
पढ़ने वालो के अभाव बड़े हैं।
किस्से मोहब्बत के किसको सुनाएं,
सब यहां कहानीकार बने हैं।
उलफ़त तो मेरी, बस में नहीं था,
उलफ़त तो तुमने, मुझको सिखाया,
बांधे डोर दिल से दिल तक,
फिर काहे, तुमने कांट गिराया,
किस्से मोहब्बत के किसको सुनाएं,
सब यहां कहानीकार बने है।
टूटी है मेरी, दिल की धड़कन,
टूटा हुआ है, मेरा ये मन,
सूखे हुएं हैं, मेरे दरख़्त के पत्ते,
सुखा हुआ है, मेरा मधुबन।
कहीं लौट के गर जो आओ यहां पर,
तेरी आश में प्यासे पड़े है।
किस्से मोहब्बत के किसको सुनाएं,
सब यहां कहानीकार बने हैं।।
تعليقات
إرسال تعليق
boltizindagi@gmail.com