दीप संग नूर दमका
दीपो संग चेहरे पर नूर दमका है।
कहीं सजना का प्यार छलका है ।
उनकी नजरों से नजरें मिली है।
मुझको आज सारे जहाँ की खुली मिल गयी।
आज सोलह शृंगार किया है ।
सजना आज भाया है मुझको।
ये चूड़ी ये पायल बिछिया।
ये माथे की सुन्दर बिन्दिया।
आंखो में मदहोशी छाई।
साथ पिया की मुस्कान है।
ये अंगूठी का नग दमके।
हीरे संग खुशहाली बरसे।
सुहागिन का सिन्दूर माँग में
हरदम साथ पिया का चाहे।
दीपो संग चेहरे की चमकमें
साजन का प्यार दमकता है।
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