सर्दियां अदरक और हम -जयश्री बिरमी

सर्दियां अदरक और हम

सर्दियां अदरक और हम -जयश्री बिरमी

आयुर्वेद में अदरक के फायदों का वर्णन किया गया हैं ये तो अपने देश में ही नहीं पूरी दुनियां में प्रचलित हैं।अदरक  को हम  ताजा और सुखा के पाउडर( सोंठ)के रूप में उपयोग में लेते हैं।अदरक शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बहुत ही उपयोगी साबित हुआ हैं ये हम ने करोना के समय जो काढा बनाके पिया हैं उससे पता चलता हैं।अदरक का उपयोग बच्चों के लिए गुड़ या शहद में मिलके किया जाता हैं ताकि उसका स्वाद की तीव्रता कम हो जाए।स्वाद में तेज,स्वभाव से रूक्ष अदरक के गुण बहुत ही अधिक हैं।जच्चा को भी प्रसूति के बाद सेहत को वापस पाने के लिए बनाएं जाने वाले खाने में और जो मीठा ,पंजीरी सा बनाया जाता हैं उसमे भी घी, गोंद,सूखे मेवें और अन्य जड़ी बूटियों के साथ मिलाया जाता हैं जो बच्चा– जच्चा के स्वास्थ्य के लिए उत्तम हैं।कई अध्ययन में बताया गया हैं कि महिलाओं के मासिक धर्म के दौरान हो रही तकलीफों में अदरक का सेवन  काफी राहत देता हैं।गठिया के रोग में  जोड़ों की सूजन की समस्या को भी दूर करता हैं।शरीर के अतिरिक्त वजन को भी दूर करता हैं।

इसके अलावा भी कई और चीजों  के साथ अदरक का उपयोग होता हैं।हमारी रसोई में उपयोग किया जाने वाले मुख्य पदार्थों में इसका भी  स्थान हैं,चाहे दाल हो,सब्जी हो या और कोई नई बानगी हो।वैसे तो सामान्यत: सभी घरों में चाय और अदरक एक शरीर और दो जान जितने प्रचलित हैं।चाय बोलो तो अदरक का प्रत्यय अपने आप ही लग जाता हैं।

 अदरक के बारें में आधुनिक विज्ञान में भी काफी शोधकार्य  हुआ हैं।अदरक में एंटीब्लॉटिंग यौगिक होते हैं जो पाचन संबंधी समस्याओं से निजात देता हैं और रोगप्रतिकारक शक्तियों को भी बढ़ाता हैं।हम सामान्यत: अदरक को उपायोग में लेने से पहले उसका छिलका हटा देते हैं लेकिन हावर्ड यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ के अनुसार कोई भी जडीबूटियों से पूरा फायदा चाहते हैं तो उसका छिलका न निकलें,छिलके के साथ ही प्रयोग में लें।हावर्ड यूनिवर्सिटी की कंचन कोया ( पीएचडी इन बायोमेडिसिन) के अनुसार अदरक कुदरत द्वारा दिया गया एक अप्रतिम उपहार हैं जीवन के लिए।अदरक के छिलके के रेशे से  खाने का स्वाद खराब हो जाता हैं ऐसा हम मानते हैं लेकिन उनके अनुसार अदरक का प्रयोग बिना छिलका उतारे ही करना चाहिए।अगर उतारें भी तो हल्का सा ही उतारें,चाकू की बजाए चमच से उतरने से ज्यादा नहीं उतरेगा। मैंने एक प्रकार के काढ़े का प्रयोग किया जिसका स्वाद भी अच्छा हैं और गुणकारी भी हैं।

  दो कप काढ़ा बनाने की लिए– ३ कप पानी में,१ इंच अदरक को थोड़ा सा कूट के डालें,उसमे दरदरा कूट के दालचीनी का १ इंच का टुकड़ा डाले,१लंबा लेमन ग्रास का पत्ता डाले,१ लवंग,६–७ तुलसी के पत्ते डालके के गैस पर उबालें,जब दो कप जीतना रह जाएं तब कप में निकल लें और उसने स्वाद के अनुसार निंबू का रस और शहद डाल दें,एक चुटकी काला नमक डाल के पीने से बहुत ही फायदें होते हैं।सारा दिन शरीर में स्फूर्ति रहती हैं,वजन भी जल्दी नहीं बढ़ता।इसका सेवन दिन में दो से तीन बार तक कर सकतें हैं।ये है सर्दियां अदरक और हम!

जयश्री बिरमी
अहमदाबाद


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