सफर
डगर मुश्किल भरी है।
सफर तो चुनौतियों भरा है मगर......
बढ़ते जाना बाधाओं से टकराकर।
मंजिल की राह का सफर
कब आसान होता है ?
एक और उम्मीद भर देती है........चाह
भर देती है नयी उमंग से।
जीवन बढ़ता जाता है अपने नये नये सफर पर।
जीवन चलायमान है अपने अंतिम पड़ाव की ओर।
تعليقات
إرسال تعليق
boltizindagi@gmail.com